हेल्थ टिप्स: बदल रहा है मौसम, आयुर्वेद के ये Tips अपनाकर खुद को रखें स्वस्थ…
October 25, 2023Health Tips: यह दौर ऋतु संधी का है। एक मौसम जा रहा है और दूसरा आ रहा है। सुबह-शाम अगर मौसम में ठंडक घुल जाती है तो दोपहर में तेज धूप सताती है। इस मौसम में सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्वस्थ रहने में आंवला, हल्दी, गुनगुना पानी, स्थानीय और मौसमी फल बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार आंवले का सेवन सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। आंवले का सेवन वर्षभर किसी न किसी रूप में किया जा सकता है क्योंकि आंवले में मौजूद विटामिन सी कभी समाप्त नहीं होता। इस मौसम में गला खराब होना, सर्दी-जुकाम होना एक आम समस्या है। इस समस्या से बचने के लिए आवश्यक है कि तले-गले पदार्थ और मिठाइयों का सेवन कम से कम करें।
हल्दी का चूर्ण रात में दूध के साथ खाएं
इसके अलावा मुलेठी, हल्दी, दालचिनी, अश्वगंधा, तुलसी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रोगों का नाश करने में सहायक सिद्ध होते हैं। यदि बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम हो जाए तो हल्दी की गठान को घी में सेकें और जब वह हल्की भूरे रंग की हो जाए तो उसे ठंडा कर पीस लें। इस हल्दी चूर्ण को आधा-आधा चम्मच सुबह-रात में दूध के साथ खाएं। इसके अलावा संस्मनी वटी का सेवन भी लाभदायक होता है।
त्रिकूट चूर्ण डालकर उबाल लें
एक लीटर पानी में एक चम्मच त्रिकटु चूर्ण डालकर उबाल लें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे दिन भर में थोड़ा-थोड़ा पिएं। इससे भी लाभ होता है। हल्दी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इसलिए सुबह-शाम दूध के साथ आधा-आधा चम्मच हल्दी चूर्ण का सेवन करें। बदलते मौसम में सेहत का ध्यान रखना केवल उनके लिए ही आवश्यक नहीं जो रोगी या वृद्ध हैं बल्कि हर उम्र के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बदलते मौसम का आहार-विहार कैसा हो।
इस मौसम में नाक में अणु तेल की एक-एक बूंद डालना भी लाभकारी होता है। अणु तेल नहीं हो तो तिल या सरसों का तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। जुकाम बना रहता हो तो नाक में और नाभी में तिल या सरसों का तेल लगाएं इससे आराम मिलेगा।