आज से शारदीय नवरात्रि शुरू, मां दुर्गा के जयकारों से गूंजेंगे मंदिर और पंडाल…कलश स्थापना के ये है 2 शुभ मुहूर्त…
October 15, 2023देशभर में आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहा है। अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आज विशेष पूजा होगी। उर्जाधानी कोरबा में भी दुर्गा पंडाल सजे है। शारदीय नवरात्रि पर बुधादित्य योग, शश राजयोग और भद्र राजयोग का निर्माण हो रहा है। मां दुर्गा के मंदिरों समेत पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। मां दुर्गा के जयकारों से मंदिर और पंडाल गूंजेंगे।
नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए अश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर खत्म होगी। नवरात्रि के पहले दिन अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना बहुत शुभ मानी गई है।
नवरात्रि के 9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करनी करें। पर्वतराज हिमालय की बेटी मां शैलपुत्री ने शिव को बहुत कठिन तप के बाद पति के रूप में पाया था। इन्हें करुणा, धैर्य और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। मां शैलुपत्री की पूजा से जीवन में चल रही सारी परेशानियां शांत हो जाती हैं। कुवांरी लड़कियों की सुयोग्य वर की तलाश पूरी होती है और वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहता है।
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले विधि-विधान से कलश स्थापना करें और अखंड ज्योति जलाएं और भगवान गणेश का आवाहन करें। देवी शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, हालांकि नारंगी और लाल कलर की रंग भी देवी को सबसे प्रिय है। कलश स्थापना के बाद षोडोपचार विधि से मां शैलुपत्री की विधि-विधान से पूजा करें। मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत, सिंदूर, पान, सुपारी, लौंग, नारियल 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें। देवी को सफेद रंग की पुष्प, सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। मां शैलपुत्री के बीज मंत्रों का जाप करें और फिर आरती करें। शाम के समय भी मां की आरती करें और लोगों को प्रसाद वितरित करें।