जोड़ों में दर्द कम करने के लिए कर सकते हैं ये सूक्ष्म आसन, मिलेंगे गजब के फायदे…
October 13, 2023सर्दी में जोड़ों में दर्द संबंधी समस्याएं बढऩा आम है। हालांकि इसके चलते कई बार परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन बेहतर जीवनशैली और दिनचर्या के साथ ही योग, व्यायाम जैसे शारीरिक अभ्यास अपनाकर इन समस्याओं में राहत पाई जा सकती है।
एंकल रोटेशन
विधि: टखने को पहले धीरे-धीरे बाईं ओर फिर दाईं ओर लेकर जाएं। इस दौरान पंजा बाहर खींचकर रखें व इससे सर्किल बनाएं। इसे बैठकर, खड़े होकर या लेटकर भी किया जा सकता है।
लाभ : इससे एंकल में स्ट्रेच आता है, जिससे थोड़ी देर में रिलीफ महसूस होता है और इसकी मोशन रेंज बढ़ती है।
नी शिन स्ट्रेचिंग
विधि: घुटने पीछे की ओर मोडक़र बैठते हुए हाथों को पीछे रखें। अब धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते जाएं। इससे एंकल के साथ ही पंजे पर भी स्ट्रेचिंग महसूस की जा सकती है। यह अभ्यास तीन से पांच बार किया जा सकता है।
लाभ : यह अभ्यास टखनों के साथ-साथ घुटनों के दर्द में भी राहत देता है।
वाइड एंगल
विधि: उपविष्ठकोणासन (वाइड एंगल सीटेड फॉरवर्ड बैंड) में दोनों पैरों को फैलाते हुए हाथों को पैरों के समांतर रखें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते जाएं। इसे सहूलियत के अनुसार करें व दोहराएं।
लाभ : इससे पैरों की मांसपेशियों को आराम व रीढ़ को मजबूती मिलती है। यह जोड़ दर्द के साथ ही साइटिका, आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में भी राहत देता है।
चेयर पोज
विधि: इसमें दोनों पैरों को मिलाएं व दोनों हाथ ऊपर सिर की दिशा में उठाएं। अब कुर्सी पर बैठने के समान मुद्रा में आएं। पंजों पर शरीर उठाएं।
लाभ : यह अभ्यास टखनों के साथ-साथ घुटनों के दर्द में भी राहत देता है।
एंकल स्ट्रेंचिंग
विधि: अपना एक या दोनों पैर सीधे फैलाएं और अंगुलियों के चारों ओर तौलिया लपेटें। इसके बाद तौलिए को खींचते जाएं। इस अभ्यास को सहूलियत के अनुसार कर सकते हैं। इसे भी बैठकर, खड़े होकर या लेटकर किया जा सकता है।