दुष्कर्म कांड : NGO के जरिए परीक्षा देने गई थी बच्ची, तीन दिन पहले दर्ज हुई थी FIR
September 28, 2023सतना/रीवा/उज्जैन। सोमवार शाम को बड़नगर रोड पर मुरलीपुरा से आगे दांडी आश्रम के पास 12 वर्षीय बालिका मिली थी। मासूम के कपड़े खून से सने थे। वह कुछ भी बताने में समर्थ नहीं थी। इलाज के लिए उसे चरक अस्पताल में भर्ती कराया था। पांच डाक्टरों ने बालिका का इलाज किया था। जांच में सामने आया कि बालिका के साथ दुष्कर्म उसके मिलने से 24 घंटे पहले हुआ है।
देर रात मासूम की हालत खराब होने पर उसे इलाज के लिए इंदौर रेफर किया था। बालिका की मां के बारे में भी पुलिस को कुछ जानकारी नहीं मिली है। पीड़िता तिरुपति ड्रीम्स कालोनी व हाटकेश्वर विहार कालोनी में करीब ढाई घंटे तक पैदल घूमती रही थी। वह पैदल ही आठ किलोमीटर दूर बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के समीप पहुंची थी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बच्ची सतना की है, जहां उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
गत दिनों उज्जैन में हुई हैवानियत की शिकार हुई बच्ची सतना जिले की रहने वाली है। जिसके गुमशुदगी की रिपोर्ट जिले के एक थाने में दर्ज कराई गई थी सूचना पाकर सतना पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 का अपराध पंजीबद्ध कर बच्ची की तलाश भी शुरू कर दी थी, हालांकि कल देर रात इसकी सूचना पुलिस के पास पहुंची है।
चाचा ने दर्ज करवाई थी रिपोर्ट
बताया गया कि बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट 3 दिन पूर्व उसके चाचा द्वारा दर्ज कराई गई है। मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवेंद्र सिंह बघेल ने बताया कि रात में उज्जैन पुलिस द्वारा सूचना मिली थी। उनके बताए हुए पते और थाने से जानकारी ली गई तो पता चला कि 3 दिन पूर्व गुमशुदगी दर्ज है जबकि परिवार वालों से भी बातचीत की गई है।
उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां तकरीबन 10 वर्ष से अपने पति से अलग किसी दूसरे के साथ रह रही है । इस मामले में अभी और पड़ताल किया जाना शेष हैं । उन्होंने बताया कि हम लगातार उज्जैन पुलिस के संपर्क में है जैसे जो जानकारी सामने आएगी मामले की विवेचना में हम लगातार आपस में जानकारी शेयर कर रहे हैं। जानकारी यह भी है कि बच्ची की मां का पूर्व में ही निधन हो चुका है।
स्थानीय जानकारी के अनुसार परिजनों ने बताया कि किसी एनजीओ के माध्यम से एग्जाम देने के लिए बच्ची रविवार को 9 बजे मझगवां गई थी। परिजनों ने रविवार शाम को ही गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश की कानून व्श्वस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होने ट्वीट कर कहा कि ‘भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ हुई बर्बरता आत्मा को झकझोर देने वाली है। अत्याचार के बाद वह ढाई घंटे तक दर-दर मदद के लिए भटकती रही और फिर बेहोश होकर सड़क पर गिर गई लेकिन मदद नहीं मिल सकी।’
प्रियंका गांधी ने आगे कहा ‘ये है मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा? भाजपा के 20 साल के कुशासन तंत्र में बच्चियां, महिलाएं, आदिवासी, दलित कोई सुरक्षित नहीं है। लाडली बहना के नाम पर चुनावी घोषणाएं करने का क्या फ़ायदा है अगर बच्चियों को सुरक्षा और मदद तक नहीं मिल सकती?