JANJGIR:अगले सत्र से स्कूलों में छत्तीसगढ़ भाषा में होगी पढ़ाई, तैयारी शुरू
September 16, 2023जांजगीर, 16 सितम्बर I बिलासपुर संभाग के सभी जिले के प्राथमिक शाला के शिक्षक जून 2024 से विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई करते नजर आएंगे। इसी तरह बस्तर संभाग में हल्बी, गोड़ी, सरगुजा में सरगुजिया, कुड़ुख भाषा में छात्र छात्रा शिक्षा लेंगे, दरअसल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम भूपेश बघेल ने अगले शिक्षा सत्र से राज्य के जिन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है, वहां छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों में वहां की स्थानीय बोली को पहली से पांचवी तक पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल करने घोषणा की थी।
उसके बाद छत्तीसगढ़ी व आंचलिक भाषा में पाठ्यक्रम विषय के लिए खाका व रूपरेखा तैयार कर रहे है। 15 सितंबर को राज्य शैक्षिक व अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार डाइट जांजगीर में बिलासपुर संभाग के छत्तीसगढ़ साहित्यकारों की बैठक रखी गई, जिसमें प्राथमिक शाला के पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों के पठन-पाठन के लिए पाठ्य पुस्तक निर्माण करने के लिए कार्यशाला कराई गई है।
डाइट प्राध्यापक नेहरू लाल प्रधान ने बताया की छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिक कक्षाओं में एक विषय के रूप मे पढ़ाया जाना है, जिसके लिए कोरबा, बिलासपुर, रायगढ, जांजगीर व सक्ती जिले के छत्तीसगढ़ी साहित्य के जानकार लोगों के साथ कार्यशाला कराई गई। इसमें छत्तीसगढ के नदी-नाले पहाड़ के साथ छत्तीसगढ की प्राचीन परिवेश को सामने लाने का प्रयास किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता पर भी विशेष ध्यान देकर विषय चयन किया जाएगा। इसके लिए टीम बनाई गई है, जिसमें संतोष कश्यप प्रमोद आदित्य, हरप्रसाद निडर, अनुभव तिवारी, बोधीराम साहू, जगदीश आदिले, जगदीश श्रीवास, भूपेन्द्र कुमार देवांगन, फेकूराम कौशिक, दीपक यादव, डाइट प्राध्यापक संजय शर्मा व भुवनेश्वर जायसवाल शामिल है।
दुर्ग संभाग- बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, खैरागढ़, मानपुर मोहला, कवर्धा, बेमेतरा में छत्तीसगढ़ी भाषा। रायपुर संभाग- रायपुर, बलौदाबाज़ार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद में छत्तीसगढ़ी भाषा। बिलासपुर संभाग: बिलासपुर , मुंगेली, कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा। सरगुजा संभाग- सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर में सरगुजिया, कुड़ुख भाषा। बस्तर संभाग- बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाडा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर में हल्बी, गोंडी भाषा। वर्तमान में प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों को हिंदी का अनुवाद छत्तीसगढ़ी भाषा में करके शिक्षक पढ़ा रहे हैं, लेकिन अगले सत्र से छत्तीसगढ़ी व स्थानीय भाषा का अलग से विषय अनुसार पढ़ाई करवाएंगे। शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुछ साल पहले किस क्षेत्र में कौन सी भाषा ज्यादा बोली जाती है, इसको लेकर सर्वे कराया था। इसी आधार पर भाषाओं का चयन किया गया है।