CG NEWS: अपर कलेक्टर ने फसल बीमा जागरूकता रथों को दिखाई हरी झंडी
August 5, 2023बेमेतरा । अपर कलेक्टर ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर से प्रधानमंत्री फसल बीमा जागरूकता के दो रथों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उप संचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना, सहायक संचालक एवं जनप्रतिनिधि तथा क्रियान्वयक बीमा कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उप संचालक कृषि डड़सेना ने बताया कि यह प्रचार रथ जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर कृषकों के बीच जागरूकता का काम करेगा। रथ में बैठे कर्मचारी किसानों को फसल बीमा के लाभ बतायेंगे। प्रचार रथ में कर्मचारियों द्वारा प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जाएगा।
अपर कलेक्टर मार्कण्डेय ने जिले के कृषकों से अपील की कि अपनी फसलों का बीमा कराये। किसानों की सुविधा के लिए फसल बीमा करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त तक है। इस अवधि से पहले किसान अपनी फसल का बीमा अवश्यक कराये, ताकि जोखिम से बचा जा सके।
उप संचालक कृषि ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टिए भू/स्खलन, जल भराव, बादल फटना, आकाशीय बिजली के अंतर्गत अधिसूचित फसलों के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और नुकसान की भरपाई करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत की गई है।
जारी अधिसूचना अनुसार सभी ऋणी-अऋणी किसानों से बैंक या प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति, लोक सेवा केंद्र, ऑनलाईन पंजीयन, बीमा अभिकर्ता से बीमा प्रस्ताव प्राप्त करने एवं प्रीमियम कटौती करने की अंतिम तिथि खरीफ फसलों के लिए 16 अगस्त 2023 है।
योजनांतर्गत जिले में खरीफ फसल हेतु धान-सिंचित, धान-असिंचित, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली, कोदो, उड़द, मक्का फसलें अधिसूचित है। जिसके लिए प्रीमियम राशि बीमित राशि का खरीफ फसल हेतु 2 प्रतिशत राशि जमा करना है, जो कि किसान द्वारा वहन किया जावेगा। धान सिंचित, धान-असिंचित, मक्का,सोयाबीन फसलों के लिए बीमा इकाई ग्राम एवं कोदो, उड़द, मूँगफली, अरहर के लिए बीमा इकाई राजस्व मंडल द्वारा निर्धारित किया गया है।
इस वर्ष भी बीमा के दिशा-निर्देश प्रावधान अनुसार ऋणी कृषक फसल बीमा आवरण में स्वेच्छा पूर्वक शामिल होंगे। अधिक जानकारी के लिए समस्त कृषक क्रियान्वयक बीमा कम्पनी बजाज एलायंज कम्पनी लिमि. के टोल फ्री नम्बर 18002095959 एवं फार्म मित्र एप गुगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड कर बीमा से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है साथ ही अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहकारी समितियों से सम्पर्क कर सकते हैं।