नींद में फूल जाती है सांस तो आ सकता है हार्ट अटैक, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के तरीके
August 4, 2023दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट डिजीज की वजह से होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2019 में अलग-अलग बीमारियों से करीब 6 करोड़ लोगों ने जान गंवाई थी. इनमें से 15 प्रतिशत मौतें हार्ट डिजीज के कारण हुई थी. बीते दो दशकों में हार्ट अटैक के केस भी बढ़ते जा रहे हैं.
कोविड महामारी के बाद से तो दिल का दौरा पड़ने के मामले काफी बढ़ गए हैं. युवाओं से लेकर बच्चों तक को अटैक पड़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात को सोते समय भी दिल का दौरा पड़ सकता है. इस दौरान अगर समय पर ट्रीटमेंट न मिले तो मौत तक का खतरा हो सकता है.
इस बीच यह सवाल भी उठता है कि नींद में हार्ट अटैक कैसे आ सकता है और ये क्यों होता है. आइए इस बारे में एक्सपर्ट्स से डिटेल में जानते हैं.
दिल्ली में राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. अजित जैन बताते हैं कि रात में सोते समय भी हार्ट अटैक आ जाता है. जिन लोगों को डायबिटीज, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे की समस्या होती है उनको ज्यादा रिस्क रहता है. कुछ लोगों में रात के समय बीपी बढ़ जाता है. हार्ट को बीपी मेंटेन करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इससे हार्ट पर प्रेशर बढ़ने लगता है. अधिक दबाव पड़ने की वजह से दिल के काम करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है और हार्ट अटैक आ जाता है.
रात में सांस की परेशानी हार्ट अटैक का संकेत
डॉ अजित जैन बताते हैं कि रात के समय अगर सांस लेने में परेशानी हो रही है तो ये हार्ट अटैक का लक्षण होता है. सांस लेने में परेशानी के साथ अगर पसीना भी आ रहा है तो इस स्थिति में तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.
डॉ अजित जैन बताते हैं कि रात को सोते समय अगर हार्ट अटैक आता है तो इसके लक्षण भी दिखते हैं. अचानक छाती में तेज दर्द होता है और पसीना आने लगता है. कुछ लोगों को बाएं हाथ और कंधे में भी दर्द महसूस हो सकता है. इन लक्षणों के दिखते ही ट्रीटमेंट करना जरूरी है.
अगर संभव हो सके तो आसपास के किसी मेडिकल स्टोर से एस्पिरिन लाकर खा लेनी चाहिए. इस दवा से हार्ट अटैक से मौत के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से भी हार्ट अटैक का रिस्क
डॉ जैन बताते हैं कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की वजह से भी दिल का दौरा पड़ सकता है. यह नींद की एक बीमारी है. इससे पीड़ित मरीज के शरीर में भी रात के समय बीपी बढ़ सकता है, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है.
नींद में दिल का दौरा पड़ने का रिस्क इसलिए भी रहता है क्योंकि सोते समय मांसपेशियां रिलेक्स रहती है. लेकिन गर्दन के आसपास मौजूद कुछ टिश्यू ज्यादा एक्टिव रहते हैं. इससे रिस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर भी प्रेशर पड़ता है और सांस लेने में परेशाानी होने लगती है. इससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिसका सीधा असर हार्ट के फंक्शन पर पड़ता है.
कोरोनरी डिजीज वाले रहें सतर्क
दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि जिन लोगों को कोरोना आर्टरी डिजीज यानी हार्ट की कोई बीमारी है उनको रात के समय दिल का दौरा पड़ने का रिस्क अधिक होता है. अगर पहले कभी हार्ट अटैक आया है तो ऐसे लोगों को समय समय पर अपनी जांच कराते रहना चाहिए.
इसके लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना जा सकता है. ऐसे लोगों को सलाह है कि अपने बीपी को भी कंट्रोल में रखें और शुगर लेवल भी न बढ़ने दें. डॉक्टर की सलाह के हिसाब से रोजाना एक्सरसाइज करें.