डिलीवरी बॉयज का अगर किया शोषण, कंपनियों पर लगेगा ₹50 लाख तक जुर्माना, इस राज्य में मिलने जा रहे ये अधिकार
July 22, 2023जोमैटो, स्विगी से लेकर उबर, रैपिडो और ओला तक, देश में अलग-अलग प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले डिलीवरी बॉयज और ड्राइवर्स को उनका हक मिल सके. इसके लिए राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार राजस्थान में ऐसा कानून लाने जा रही है, जो इन प्लेटफॉर्म्स के लिए गिग वर्कर्स को कई अधिकार देगा.
राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में ‘राजस्थान प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन एंड वेलफेयर) विधेयक-2023’ पेश किया. ये देश में अपने तरह का पहला विधेयक है जो गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करता है.
कंपनियों पर लगेगा 50 लाख तक जुर्माना
इस विधेयक में गिग वर्कर्स के साथ-साथ उनके प्लेटफॉर्म्स का भी रजिस्ट्रेशन होगा. ऐसे में अगर कंपनियां कानून के प्रावधानों का पालन सही ढंग से नहीं करती हैं, तो उन पर जुर्माना का प्रावधान भी है. पहली गलती पकड़े जाने पर सरकार 5 लाख रुपये तक और उसके बाद की गलतियों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है.
सरकार बनाएगी वेलफेयर बोर्ड
विधेयक में एक ‘राज्स्थान प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड’ बनाने का प्रस्ताव है. जो गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स के रजिस्ट्रेशन का काम करेगी. साथ ही एग्रीगेटर ऐप्स में एक वेलफेयर फीस डिडक्शन मेकेनिज्म भी सेट-अप किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल बाद में सरकार गिग वर्कर्स के कल्याण पर करेगी.
गिग वर्कर्स को मिलेंगे ये अधिकार
राजस्थान के इस विधेयक में मॉनिटिरिंग मेकेनिज्म होगा. सरकार इसके प्रावधान लागू करने के लिए लगातार रिव्यू भी करेगी. गिग वर्कर्स की वेलफेयर फीस को नियमित आधार पर काटा जाएगा. ये वेलफेयर फीस या तो राज्य सरकार के आदेशनुसार या फिर हर ट्रांजेक्शन के एक निश्चित प्रतिशत के बराबर होगी.
गिग वर्कर्स को सरकार की ओर से एक यूनिक आईडी मिलेगी, जो हर ऐप प्लेटफॉर्म पर मान्य होगी. इस आईडी की मदद से गिग वर्कर्स को सामान्य और स्पेशल सोशल सिक्योरिटी स्कीम का फायदा उठाने का मौका मिलेगा. गिग वर्कर्स के हक का कोई भी फैसला बोर्ड से सलाह मशविरा के बाद होगा, और बोर्ड में वर्कर्स का रिप्रेजेंटेशन होगा.