लाखों के कर्ज में डूबे किसान ने लगाई फांसी, फसल पर टिकी थी आस; ओले और बारिश से सब बर्बाद
July 19, 2023राजस्थान के कोटा जिले में कर्ज के बोझ तले दबे एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान पहले से कर्ज से परेशान था और फिर पिछले दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि से उसके खेत की फसल खराब हो गई।
जानकारी के अनुसार, किसान इस बर्बादी से मानसिक अवसाद से ग्रसित चल रहा था, जिससे उसने मंगलवार को घर के मुख्य द्वार से लटकर फांसी लगा ली।
सुबह उठकर जब परिजनों ने किसान का शव देखा तो बदहवास रह गए। आनन-फानन में किसान को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फसल पर टिकी थी आस
खबर के मुताबिक, मृतक किसान का नाम राजाराम मीणा था। वह कोटा जिले के बड़गांव से संबंध रखता था। मृतक किसान के छोटे भाई ब्रजराम ने बताया कि मृतक पर करीब दस लाख का कर्ज था।
राजाराम को उम्मीद थी कि फसल बेचकर वह कर्ज चुका देगा। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि से फसल नष्ट हो गई। जिसके बाद वह अवसाद में आ गया और उसने आत्महत्या कर ली।
नांता पुलिस थाना अधिकारी जी एल मीणा ने बताया कि सामने आया कि किसान ने कुछ लोगों से कर्ज ले रखा था। मृतक किसान के परिजनों के बाद कार्यवाही की जाएगी।
कर्जमाफी को लेकर विधानसभा में हंगामा
उधर, राज्य विधानसभा में किसान कर्जमाफी को लेकर मंगलवार को शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने वैल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इससे पहले प्रतिपक्ष के उप नेता सतीश पूनिया ने कहा, कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में किसान कर्जमाफी माफी का वादा किया था।
पूनिया ने जैसे ही जनघोषणा पत्र की चर्चा की तो कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई मंत्री और विधायकों ने आपत्ति की। इस पर दोनों तरफ से नोकझोंक शुरू हो गई।
उप नेता सत्तापक्ष के टोकने से नाराज भाजपा विधायक भी जोर-जोर से बोलने लगे। इससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।पूनिया ने कहा किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। छह हजार करोड़ तो भाजपा सरकार माफ कर गई थी।
राहुल गांधी ने दस दिन में कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बीत गए। लाखों किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। पूनिया ने कहा, कर्ज से दबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
अध्यक्ष ने CM के सलाहकार को दी बाहर निकालने की चेतावनी
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकारी भर्तीयों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से जुड़े सवाल पर सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की मंजूरी के बिना बोलने लगे।
इस पर नाराज जोशी ने लोढ़ा को सदन से बाहर निकालने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा,मैं ऐसे आचरण को बर्दाश्त नहीं कर सकता। जिसके बाद वे शांत हुए।
सवाल के जवाब में शिक्षामंत्री बी डी कल्ला ने सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का प्रावधान करने से साफ इनकार कर दिया है।