‘सॉरी पापा, आपने बहुत पैसा खर्च किया लेकिन मुझसे नहीं हो पाया’, सुसाइड नोट लिख छात्र ने दी जान
July 16, 2023कोटा: राजस्थान में सुसाइड सिटी नाम से फेमस कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र ने अपनी जान दे दी. यहां छात्र ने बीते शुक्रवार को तकरीबन सुबह 9 बजे एक छात्र ने हॉस्टल के रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही मृतक छात्र के परिवार वालों को जानकारी दे दी गई है. फिलहाल, पुलिस को शव के पास से सुसाइड़ नोट बरामद हुआ है.
दरअसल, ये घटना कोटा जिले में कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंडमार्क सिटी इलाके की है. वहीं, मृतक छात्र नवलेश (17) बिहार के पटना का रहने वाला था. जोकि बीते 1 साल पहले ही कोटा आया था. इस दौरान पुलिस को शव के पास मिले सुसाइड नोट में छात्र ने पढ़ाई के प्रेशर की बात लिखी है.जिसमें उसने लिखा है ‘पापा सॉरी, मेरी पढ़ाई के लिए आपने बहुत कोशिश की, बहुत पैसा खर्च किया है. मगर,मैंने बहुत कोशिश की. लेकिन, मेरे से नहीं हो पाया. मम्मी पापा आप बहुत अच्छे हो’.
मृतक के पिता घटना के बाद सदमें में
वहीं, बताया जा रहा है कि मृतक छात्र नवलेश 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा था. इसके साथ ही नीट की भी तैयारी साथ में ही कर रहा था. गौरतलब है कि, पिछले 5 दिनों में ये तीसरा केस है. जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र ने सुसाइड कर ली. जबकि, मृतक स्टूडेंट के फूफा संतोष का कहना है कि घटना के बाद से नवलेश के पिता सदमे में है. चूंकि,मृतक नवलेश इकलौता बेटा था. उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ साल पहले अपनी मर्जी से पढ़ाई के लिए कोटा आया था. हालांकि, सुसाइड से एक दिन पहले शाम को उसने परिजनों से बात की थी. ऐसे में किसी को पता नहीं था वो ऐसा खौफनाक कदम उठा लेगा.
क्या है मामला?
मृतक नवलेश की मौत की सूचना मिलने पर उसके चाचा सुमित और फूफा संतोष कोटा पहुंच गए हैं. वहीं, पुलिस का कहना है कि मृतक छात्र के चाचा दिल्ली में और फूफा उज्जैन में रहते है. जबकि. फूफा रेलवे में जॉब करते है. उधर, फूफा संतोष ने बताया कि नवलेश के पिता खुद का ट्रक चलाते है. चूंकि, परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. ऐसे में बीते डेढ़ साल पहले मृतक नवलेश अपनी मर्जी से कोटा में नीट की तैयारी के लिए आया था.
1 महीने पहले ही नवलेश गांव से लौटकर आया था कोटा
हालांकि, शुरुआत में एक-दो महीने उसको कम समझ में आया था. तब उसके पापा ने कहा था, समझ में नहीं आ रहे है तो घर आ जाओ. उस दौरान नवलेश ने बताया था कि पहले समझ में नहीं आ रहा था. अब समझ आने लगा. अभी 1 महीने पहले ही नवलेश गांव से लौटकर कोटा आया था. वो रोज मम्मी पापा से बात करता था. घटना से एक दिन पहले की शाम को उसने पिता से बात की थी. हालांकि, मृतक नवलेश की परिजनों से क्या बात हुई है, ये जानकारी नहीं है. उसके इकलौते बेटे की मौत से पिता गहरे सदमे में है.
बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए चलाया जाए अभियान
इस बीच मृतक छात्र के फूफा संतोष का कहना है कि बच्चों के तनाव को दूर करने के लिए अभियान चलाना चाहिए. ऐसे में हर महीने बच्चों की 15 दिन में काउंसलिंग होनी चाहिए, जिससे, बच्चों के मन में तनाव ना हो.