सुपर 30 के 4 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए ऋतिक रोशन के 5 आइकोनिक डायलॉग्स पर एक नजर
July 12, 2023मैथमेटिशियन आनंद कुमार के जीवन पर आधारित बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन स्टारर सुपर 30 ने अपनी प्रेरक कहानी और अपने दमदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे दर्शक शायद ही कभी भूल पाए। और जैसा कि आज इस फिल्म ने अपनी रिलीज के चार साल पूरे कर लिए हैं, इस खास मौके पर सुपरस्टार ऋतिक रोशन के फिल्म से उन उल्लेखनीय डायलॉग्स पर नजर डालते है जिन्होंने इस फिल्म को एक यादगार सिनेमाई अनुभव बना दिया और जो पूरे देश में दर्शकों के बीच गूंजे और उन्हें इंस्पायर किया।
- “राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वो ही बनेगा जो हकदार होगा।”
ऋतिक रोशन के किरदार का यह डायलॉग मूल्य के महत्व और इस विश्वास पर जोर देता है कि सफलता कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिए कमाई जानी चाहिए। यह लाइन इस धारणा पर जोर देती है कि किसी के बैकग्राउंड से उसकी किस्मत का फैसला नही होना चाहिए। यह लोगों को खास अधिकारों के बंधनों से मुक्त होने और अपनी क्षमताओं के जरिए सफलता हासिल करने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- ये अमीर लोग अपने लिए खूब चिकना सड़क बनाएं… हमारी राह में ऐसा बड़ा-बड़ा गड्ढा खोद दिए… लेकिन यहीं वो सबसे बड़ी गलती कर दिए… हमको छलांग लगाना सिखा दिए… जब समय आएगा.. . सबसे बड़ा और सबसे लंबा छलांग हम ही मरेंगे।”
यह डायलॉग इस बात पर जोर देता है कि किसी के बैकग्राउंड की परवाह किए बिना जीवन में असफलताएं और चुनौतियां वास्तव में हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। यह हमें बाधाओं को अवसरों में बदलना और उन्हें सफलता की सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करना सिखाती है। - “बच्चा काबिल बनो, काबिल. कामयाबी तो साली झक मारके पीछे भागेगी।”
यह डायलॉग आत्म-विश्वास के सार और किसी के स्किल्स को निखारने के अहम को समझाता है। ऋतिक का डायलॉग फिल्म में उनके छात्रों को बेस्ट के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है और इस बात पर जोर देता है कि सच्ची सफलता जरूरी क्षमताओं को विकसित करने और उपलब्धियों को खुद से ही आने देने से आती है।
- “अंग्रेजी का डर हटा रहें है। ऐसा बहुत दरवाजा है दुनिया में जो सिर्फ इसलिए नहीं खुलते हैं क्योंकि लोग ‘मे आई कम इन’ नहीं कह पाते हैं।”
यह डायलॉग बाधाओं को तोड़ने, डर का सामना करने और उस पर जीत पाने की खासियत पर रोशनी डालता है। यह हमें सिखाता है कि मौकों तक पहुंचने में भाषा कभी भी बाधा नहीं बननी चाहिए। खुद को ज्ञान से सशक्त बनाकर हम उन दरवाजों को खोल सकते हैं जो पहले बंद थे।
- “विश्वास और हार्ड वर्क, इन्हीं दोनों के साथ आदमी सब कुछ हासिल कर सकता है।”
यह एम्पावरिंग डायलॉग एक रिमाइंडर के रूप में काम करता है कि सफलता खुद पर अटूट विश्वास और लगातार कोशिश के जरिए हासिल की जा सकती है। यह इस सोच को जन्म देता है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ कोई भी इंसान किसी भी मुसीबत को पार कर सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है।