भगवान शिव से मांगी थी मन्नत- प्रेमिका बन जाए जीवनसंगिनी, पूरी हुई मुराद तो चढ़ाने लगे कांवड़
July 11, 2023शाहजहांपुर I सावन महीने में कांवड़ियों के रूप में शिवभक्तों का हुजूम उन रास्तों पर देखने को मिल जाता है, जो गंगा नदी को जाता है। गंगा नदी से जल भरकर ये कांवड़िए अपने स्थानीय शिवालयों में आराध्य भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करते हैं। इन कांवड़ियों में आस्था इतनी गहरी होती है कि कई किमी का सफर पैदल करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कांवड़ यात्रा निकाली जाती है।
इसी मान्यता के आधार पर कुछ कांवड़ियों की कहानी बड़ी ही दिलचस्प होती है। श्रद्धालु अपने जीवन में खुशियों के लिए भगवान शिव से मन्नतें मांगते हैं। ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी यूपी के लखीमपुर खीरी के रहने वाले बृजेश की है, जिन्होंने भगवान शिव से मन्नत मांगी थी कि उनकी प्रेमिका उनकी जीवनसंगिनी बन जाए, तो वे कांवड़ से जलाभिषेक करेंगे।
बिहार और गाजियाबाद तक चर्चा
नंगे पैर कांवड़ लेकर जा रहे बृजेश की कहानी ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास की है। प्रेम-प्रसंग से जुड़ी कहानी भक्ति भाव की वजह से गोला के गांव से लेकर बिहार और गाजियाबाद तक चर्चा में हैं। लखीमपुर खीरी जिले के गांव उधेली नानकार निवासी बृजेश मिश्रा गाजियाबाद के कड़कड़ मॉडल गांव में प्रिंटिंग प्रेस का काम करते थे।
फोन पर शुरू हुई थी बातचीत
गाजियाबाद में रहने वाले किशन व उनकी पत्नी दिव्या से मुलाकात हो गई। परिवार जैसा संबंध बनने पर किशन, बृजेश के फोन से बिहार प्रांत के बांका जिला स्थित अपनी ससुराल से बात कर लेते थे। बृजेश बताते हैं कि एक दिन दिव्या की बहन लक्ष्मी ने उनके मोबाइल पर फोन किया। इसके बाद उनकी लक्ष्मी से बात होने लगी।
गोला गोकर्णनाथ में किया जलाभिषेक
लक्ष्मी से शादी के लिए बृजेश ने कांवड़ चढ़ाने का संकल्प लिया। घटियाघाट से कांवड़ भरकर नंगे पैर गोला गोकर्णनाथ में भोले बाबा का जलाभिषेक किया। दोनों परिवारों की सहमति से 2018 में विवाह हो गया। कामना पूर्ण होने पर 2019 से नंगे पैर कांवड़ यात्रा शुरू कर दी।
लक्ष्मी बोली- भोले बाबा की कृपा से सभी खुश
बृजेश के साथ नंगे पैर चल रही लक्ष्मी ने बताया कि भोले बाबा की कृपा से सभी खुश हैं। सुख-समृद्धि के अब 11 साल तक नंगे पैर कांवड़ का संकल्प लिया है। लक्ष्मी के भाई प्रिंस ने बताया कि वह भी शिव की कृपा पाने के लिए पहली बार नंगे पैर कांवड़ लेकर जा रहे हैं।