शर्मनाक: पिता ने बेटी से पांच साल तक की दरिंदगी, मिली उम्रकैद की सजा…
July 6, 2023रामपुर। पिता-पुत्री के रिश्तों को कलंकित करने के मामले में अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट एक (महिलाओं के विरुद्ध अपराध) ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई।
फैसला सुनाते हुए जज ने कही ये बात
सजा सुनाने वाली अपर जिला जज पूनम कर्णवाल ने अपने फैसले में कहा कि भारत जैसे देश में जहां पुत्रियों को देवतुल्य लक्ष्मी माता के समान माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है, वहां पर पिता के अपनी ही पुत्री के साथ दुष्कर्म किया जाना, सामाजिक परिवेश को अत्यंत दूषित करता है। यह अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है।
दोषी पिता द्वारा कारित अपराध से समाज में उनके घर में ही महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में प्रश्न उत्पन्न हुआ है। दोषी ने पिता-पुत्री के अत्यंत कोमल रिश्ते को कलंकित कर अत्यंत जघन्य अपराध किया है। इसके विरुद्ध किसी भी प्रकार का उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।
यह था मामला
रिश्तों को शर्मसार करने वाली यह घटना बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र की है। यहां के एक गांव की युवती की शिकायत पर पुलिस ने 21 जुलाई 2020 को उसके पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। युवती ने अपनी शिकायत में पिता द्वारा दुष्कर्म की बात कही थी।
पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था, तब से वह जेल में ही है। पुलिस ने मुकदमे की जांच कर पिता के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने तमाम साक्ष्य और पीड़ित समेत 10 लोगों की गवाही कराई।
पांच साल से दरिंदगी कर रहा था पिता
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुमार सौरभ का कहना था कि पीड़ित ने पुलिस और कोर्ट में अपने बयान में चार-पांच साल से दुष्कर्म करने की बात कही है। उसने अपने बयान में यह भी बताया कि पिता की इस हरकत से वह गर्भवती भी हुई थी।
पिता ने गर्भ गिराने के लिए उसे गोलियां भी खिलाई थीं। अन्य गवाहों और साक्ष्यों ने भी घटना को साबित किया है। उन्होंने अपनी बहस में कहा कि माता-पिता अपने बच्चों का भरण-पोषण एवं लालन-पालन करते हैं। उनके रक्षक होते हैं और जब रक्षक ही भक्षक हो जाए तो बेटियां कहां सुरक्षित रहेंगी।
दोषी को आजीवन कठोर करावास की सजा
उन्होंने दोषी पिता को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। अदालत ने इस मामले में दोषी पिता को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना जमा होने पर समस्त धनराशि पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं। पीड़ित की शादी हो चुकी है और वह ससुराल में वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही है।