करंट लगने से तड़पती रही साक्षी, नहीं मिली मदद, रेलवे ने पल्ला झाड़ा…आखिर मौत का जिम्मेदार कौन?
June 27, 2023गर्मी से जूझ रही दिल्ली में जब बीते दिनों बरसात आई तो कई लोगों के चेहरे पर खुशी थी, लोग मॉनसून की इस पहली बारिश का आनंद ले रहे थे. लेकिन दिल्ली का ही एक परिवार ऐसा था जिसके लिए यह बारिश उनकी जिंदगी का सबसे बुरा पल लेकर आई. 35 साल की साक्षी आहूजा, जो अपने परिवार के साथ ट्रेन पकड़ने के लिए जा रही थी.
स्टेशन के बाहर भरे पानी से बचने के लिए उन्होंने चलते हुए एक खंभे का सहारा लिया, तभी करंट लगने से उनकी मौत हो गई. सिस्टम की इस नाकामी और खराब किस्मत की इस कहानी ने हर किसी को हैरान किया है. साक्षी की दर्दनाक कहानी क्या है और अबतक इस मामले में क्या-क्या हुआ है, आपको पूरी कहानी बताते हैं.
कैसे हुई थी साक्षी की मौत?
25 जून (रविवार) की सुबह प्रीत विहार की रहने वाली साक्षी आहूजा (35 वर्ष) अपने परिवार के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचीं. उन्हें दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए वंदे भारत ट्रेन पकड़नी थी. साक्षी और उनका परिवार अपनी गाड़ी से बाहर निकला और गेट नंबर 1 से होते हुए स्टेशन की ओर बढ़ने लगा. दिल्ली में उस दिन बारिश हुई थी, ऐसे में स्टेशन परिसर में पानी भरा हुआ था. साक्षी का परिवार पानी से बचते बचाते आगे बढ़ रहा था, इस बीच साक्षी पानी से बचते हुए जब आगे बढ़ रही थीं तब उनका बैलेंस बिगड़ा. उन्होंने सहारा लेते हुए वहां मौजूद खंभे को पकड़ा, लेकिन ये उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई.
ये खंभा लंबे वक्त से खुला हुआ था, तारें बाहर निकली थीं और बारिश के मौसम में ये करंट छोड़ रहा था. साक्षी आहूजा को यहां पर ही करंट लगा और वो वहां पर ही गिर पड़ीं. किसी को समझ नहीं आया कि चंद सेकेंड में ये क्या हो गया, वहां मौजूद लोग और परिवार के साथी ये देखकर हैरान थे, अफरातफरी में साक्षी को अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उन्हें वहां पर मृत घोषित किया गया.
परिवार ने सुनाई मौत की दर्दनाक कहानी
साक्षी का पूरा परिवार जब घर से निकला तो उन्होंने इस हादसे के बारे में सोचा भी नहीं होगा. साक्षी अपने पीछे पति अंकित, 10 साल के बेटे और 6 साल की बेटी को छोड़ गई हैं. साक्षी के पति अंकित ने उस पल को बयां किया. अंकित के मुताबिक, साक्षी को जब करंट लगा तब उनकी बेटी भी साथ थी, लोगों ने किसी तरह उसे खींच लिया लेकिन साक्षी के लिए वक्त पर मदद नहीं पहुंच पाई. हम अब इस मामले में इंसाफ चाहते हैं, ताकि किसी और के साथ इस तरह की घटना ना हो.
बता दें कि साक्षी आहूजा खुद दिल्ली के ही लक्ष्मीनगर में एक स्कूल में टीचर थीं, इसके अलावा वह फ्रीलांसर के तौर पर आर्किटेक्ट का भी काम करती थीं. जबकि उनके पति अंकित एक जापानी फर्म में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं. साक्षी के पिता ने बताया कि जब मैंने अपनी बेटी को वहां गिरे हुए देखा तो मैं पूरी तरह से जम गया था, किसी ने हमारी मदद नहीं की वहां बच्चे बिलखते रह गए.
साक्षी की मौत पर क्या बोला रेलवे?
साक्षी को खोने के बाद परिवार गुस्से में था, जब अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया उसके बाद परिवार ने प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जानकारी के मुताबिक, साक्षी की बहन ने प्रशासन के खिलाफ पुलिस में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में सेक्शन 287, 304 के तहत केस दर्ज किया.
साथ ही इस पूरे वाक्ये में प्रशासन की किस तरह कमी देखने को मिली, इसकी जांच शुरू की. दिल्ली पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने साइट की जांच की, साथ ही पुलिस द्वारा रेलवे से इस मामले में आधिकारिक जवाब भी मांगा गया. रेलवे ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए अपना पल्ला झाड़ने का ही काम किया. रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बयान दिया कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि बारिश की वजह से खंभे के आसपास जो पानी जमा हुआ, उसकी वजह से करंट वहां आया था.
इन्स्युलेशन फेलियर की वजह से करंट पानी में फैला और जब महिला ने गलती से खंभे को छुआ तो उन्हें झटका लगा. क्योंकि यह घटना रेलवे स्टेशन के परिसर में हुई है, ऐसे में पुलिस अभी रेलवे के आधिकारिक जवाब का इंतजार कर रही है. साथ ही रेलवे को स्टेशन में मौजूद बिजली उपकरणों, तारों का ऑडिट कराने को कहा गया है.
एक तरफ विकास का दावा, दूसरी ओर ऐसे हालात
देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह की घटना होना हर किसी को हैरान करता है. केंद्र सरकार लगातार दावे करती है कि रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर नई दिल्ली के प्रस्तावित रेलवे स्टेशन के नए मॉडल की तस्वीरें वायरल होती हैं. दावा किया जाता है कि स्टेशन को सभी सुविधाओं से लैस कर दिया जाएगा और एयरपोर्ट जैसा लुक भी दिया जाएगा. लेकिन इन तमाम बातों के बीच मौजूदा हालात ऐसे हैं कि खंभा खुला होने की वजह से करंट फैल जाता है और एक महिला की मौत हो जाती है.
सोशल मीडिया से लेकर स्टेशन पर मौजूद यात्रियों तक में इस घटना को लेकर गुस्सा है. हर कोई रेलवे प्रशासन को लताड़ लगा रहा है और स्टेशन पर सुविधाओं, खराब व्यवस्था को लेकर जवाब मांग रहा है. इंतजार है कि रेलवे इस घटना की विस्तृत जांच कबतक करता है और आखिर साक्षी की मौत का जिम्मेदार किसे माना जाता है.