Bhadali Navami 2023: जून में शादी का आखिरी मुहूर्त आज, फिर 148 दिन तक नहीं गूंजेगी शहनाई
June 27, 2023हिंदू धर्म में शादी-विवाह बिना मुहूर्त देखे नहीं किया जाता है. शादी के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार करना पड़ता है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके विवाह का शुभ मुहूर्त पत्रा के हिसाब से बैठता ही नहीं है, ऐसे लोगों को बिल्कुल भी निराश होने की जरूरत नहीं है. आज यानी कि 27 जून को भड़रिया नवमी है.
भड़रिया नवमी आषाढ़ में शुक्ल पक्ष की नवमी को पड़ती है. आज का दिन दो मायनों में खास है. पहला यह कि जिन लोगों की शादी का मुहूर्त इस सीजन में नहीं निकल पाया है, उनकी शहनाई भी आज बज सकती है. दरअसल भड़रिया नवमी पर उन लोगों की भी शादियां हो जाती है, जिनकी शादी की कोई शुभ तारीख नहीं निकल पाती है.अगर आप आज शादी का इंतजार कर रहे हैं तो देखें क्या है शुभ महूर्त
भड़रिया नवमी पर शादी का शुभ महूर्त
भड़रिया नवमी का दिन इसलिए भी खास है क्यों कि आज इस सीजन में शादी का आखिरी और सबसे बड़ा मुहूर्त है. आज की तिथि बीतने के बाद आने वाले 5 महीने तक विवाह नहीं हो सकेंगे. पंचांग के हिसाब से भड़रिया नवमी यानी कि 27 जून, मंगलवार को शादी का शुभ महूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर शाम को 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.इस दौरान हस्त नक्षत्र और नवमी तिथि होगी.
5 महीने तक क्यों नहीं होगा शादी का मुहूर्त
भड़रिया नवमी के दो दिन बाद, 29 जून 2023 को देवशयनी एकादशी है. शास्त्रों के मुताबिक देवशयनी एकादशी पर जगत के पालनहार श्रीहरि चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, इसके बाद शादी-विवाह समेत कोई भी मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होता है. वैसे तो देव 4 महीने के लिए सोते हैं, लेकिन इस बार अधिक मास होने की वजह से देव 5 महीने तक क्षीरसागर में विश्राम करेंगे. मतलब 5 महीने तक अब शादी विवाह नहीं हो सकेंगे. जून के बाद शादी का अगला मुहूर्त 5 महीने बाद ही आएगा.
शादी-विवाह समेत कोई भी शुभ और मांगलिक काम करने के लिए आज बिल्कुल भी सोचने की जरूरत नहीं है. अगर आपकी शादी का महूर्त इस सीजन में नहीं निकल पाया है तो आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा हो सकता है. आज आपकी शादी का इंतजार खत्म हो सकता है. बिना किसी ज्योतिषि से पूछे और बिना टेंशन के आज शादी-विवाह किया जा सकता है.
क्या है भड़रिया नवमी का महत्व
भड़रिया नवमी के दिन शादी-विवाह के लिए किसी भी मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है. खास बात यह है कि इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी करने के बाद भी वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. नवमी के दिन भगवान श्रीहरि की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि की कमी जीवन में नहीं रहती है.भगवान विष्णु को पूजने वालों पर मां लक्ष्मी भी विशेष कृपा बरसाती हैं