पॉलिटेक्निक गैंगरेप कांड के आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा
October 4, 2022दरोगा विक्रांत की तत्परता को न्यायालय ने सराहा
झांसी, 04अक्टूबर । सीपरी बाजार क्षेत्र के पॉलिटेक्निक कॉलेज में करीब 23 माह पूर्व दिनदहाड़े छात्रा के साथ गैंगरेप कांड की दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले सभी आठ दोषियों न्यायालय ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह ने ठोस पैरवी करते हुए आरोपितों को सजा दिलाई। पीड़िता को 23 माह बाद इंसाफ मिला। इस पूरे घटना क्रम को निर्भया कांड से बड़ा होने से बचाने में झांसी पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एसआई विक्रांत की तत्परता की न्यायालय ने भी प्रशंसा की। 33 गवाह गुजरे और सभी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अडिग रहे।
सोमवार को अपर जिला जज कक्ष संख्या-9 में पॉलिटेक्निक कॉलेज गैंगरेप मामले में सजा सुनाई गई। 23 माह पूर्व 10 अक्टूबर 2020 को दिन दहाड़े नाबालिग छात्रा से गैंगरेप, लूटपाट मारपीट करने वाले सभी आठ दोषी रोहित, भरत, निवासी महोबा, धर्मेंद्र सेन निवासी रानीपुर, मोनू पार्या निवासी रानीपुर, शैलेंद्र नाथ पाठक निवासी गोंडा, मयंक शिवहरे निवासी टहरोली, संजय कुशवाह निवासी महोबा, विपिन निवासी प्रयागराज को जिला कारागार से पुलिस अभिरक्षा में सोमवार को दोपहर बारह बजे न्यायालय में पेश किया गया। यहां दोषियों की ओर से पक्ष रखते हुए बताया गया कि सभी पढ़ने वाले छात्र है और उनके खिलाफ पूर्व में कोई अपराध दर्ज नहीं है।
वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने पीड़िता की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि नाबालिग छात्रा से गैंगरेप एक जघन्य अपराध है, जो माफी और सजा कम करने लायक नहीं है। सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-9 ने आरोपित पक्ष की दलील को खारिज करते हुए सभी आठ दोषियों को गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने माना कि दोषियों ने जो जघन्य अपराध किया वह माफी लायक नही है। यह भी स्वीकार किया कि अगर घटना के समय पुलिस समय पर नहीं पहुंचती तो और भी बड़ी घटना हो सकती थी। सजा का ऐलान होने के बाद सभी दोषियों को पुलिस अभिरक्षा में दोपहर बाद न्यायालय से जिला कारागार में भेज दिया गया।