World Sickle Cell Awareness Day 2023: खून से जुड़ी गंभीर बीमारी है सिकल सेल डिजीज, जानें इसके लक्षण और कारण
June 18, 2023World Sickle Cell Awareness Day 2023: लगातार बढ़ते प्रदूषण और तेजी से बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से इन दिनों लोग कई समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। कई ऐसी बीमारियां और समस्याएं हैं, तो किसी न किसी वजह से लोगों को अपनी चपेट में ले लेती हैं।
सिकल सेल डिजीज ऐसी ही एक बीमारी है, जो रक्त से जुड़ा एक विकार है। यह विकार आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के आकार और कार्य को प्रभावित करता है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं क्या है यह विकार, इसके कारण, लक्षण और इलाज-
क्या है सिकल सेल डिजीज
सिकल सेल डिजीज एक जेनेटिक डिसॉर्डर है, जिसमें शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स विकृत हो जाती हैं। इसकी वजह से शरीर में ये कोशिकाएं जल्दी नष्ट हो जाती हैं और इस वजह से शरीर में हेल्दी रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इस वजह से नसों में खून का बहाव भी रुक सकता है। आमतौर पर इस सेल्स का आकार गोल होता है, लेकिन सिकल सेल रोग वाले व्यक्तियों में इनका आकार सामान्य गोल आकार के बजाय अर्धचन्द्राकार या “सिकल” आकार का हो जाता है।
सिकल सेल डिजीज के लक्षण क्या है?
- अंगों का क्षति
- संक्रमण
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में तेज दर्द
- खून का कमी या एनीमिया
- हाथ और पैरों का सूजन
- ग्रोथ और प्यूबर्टी में देरी होना
- दृष्टि संबंधी समस्याएं
- थकान महसूस होना
सिकल सेल डिजीज के कारण
एससीडी यानी सिकल सेल डिजीज एक अनुवांशिक समस्या है, जो जन्म के समय से मौजूद होती है। आसान भाषा में समझें तो जब किसी बच्चे को अपने माता-पिता दोनों से सिकल सेल के जीन्स मिलते हैं, तो उस बच्चे को सिकल सेल बीमारी हो जाती है।
सिकल सेल डिजीज का इलाज
सिकल सेल बीमारी का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है। हर मरीज के लिए इस बीमारी का इलाज अलग होता है। पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर उसे इलाज दिया जाता है। सिकल सेल बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के इलाज के लिए उसे खून चढ़ाना पड़ता है।
इसके अलावा कई बार बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए भी मरीज का इलाज किया जाता है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट सिकल सेल बीमारी का एकमात्र इलाज है, जो काफी कठिन और जोखिम भरा होता है। इसके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। हालांकि, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हो सकता है।