Facebook: फेसबुक ने किया अकाउंट ब्लॉक, कोर्ट ने शख्स को दिलाए 41 लाख रुपये
June 18, 2023अगर आप फेसबुक यूजर हैं तो ये जानकारी आपके लिए जरूरी है. कई बार सोशल मीडिया अकाउंट पर प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के खिलाफ जाने वाले यूजर का अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता है. लेकिन अगर आपके अकाउंट पर कोई भी वॉयलेशन या प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के खिलाफ कोई स्टेप या पोस्ट नहीं की गई है तो आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं. हाल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक यूजर के फिसबुक अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया था, जिसके बाद यूजर ने दिग्गज कंपनी फेसबुक पर केस कर दिया जिसके बाद उसे $50,000 (41 लाख रुपये ) का मुआवजा मिला है.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये मामला क्या है और ऐसा क्यों किया गया था?. यहां हम आपको इस मामले की पूरी जानकारी देंगे इसके अलावा आपको ये भी बताएंगे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की पॉलिसी क्या है और अगर आप उस पॉलिसी के खिलाफ जाते हैं तो आपका अकाउंट बंद किया जाता है या आप पर कार्रवाई भी की जाती है.
फेसबुक अकाउंट ब्लॉक: यूजर को मिले 41 लाख रुपये
रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर ने फेसबुक के खिलाफ केस फाइय किया जब फेसबुक ने उसके अकाउंट को बिना किसी कारण के ब्लॉक कर दिया था. इसके पीछे की वजह ये थी कि उनके अकाउंट से कुछ पॉलिटिकल कमेंट्स किए गए थे, इसके वजह से उन्हें फेसबुक अकाउंट पर प्लेटफॉर्म से वॉयलेशन नोटिस भी मिला था. हालांकि, इस बार कंपनी ने उन्हें स्टैंडर्ड का पालन न करने के खिलाफ उनका फेसबुक अकाउंट लॉक कर दिया.
उन्होंने अपना अकाउंट दोबारा ओपन करने के लिए फेसबुक से कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में यूजर ने कोर्ट की हेल्प ली और इस मामले को निपटाना पड़ा.
फेसबुक कब करता है अकाउंट ब्लॉक
सोशल मीडिया पर आप कुछ भी पोस्ट करने के लिए आजाद हैं लेकिन इसके साथ आपको कुछ गाइडलाइन को फॉलो करना पड़ता है जो यूजर्स की सुविधा के लिए ही बनाई गई हैं. अगर आप इन गाइडलाइन को फॉलो नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ एक्शन तो लिया ही जाता है इसके साथ आपका इंस्टाग्राम अकाउंट हमेशा के लिे ब्लॉक भी कर दिया जाता है.
फेसबुक की कम्यूनिटी गाइड लाइन
फेसबुक पर कोई भी वॉयलेशन वाला कंटेंट पोस्ट नहीं किया जाना चाहिए.
सेफ्टी को नजर में रखते हुए कंटेंट पोस्ट किया जाए.
हेट स्पीच या देश के खिलाफ को भी नेगेटिव कमेंट नहीं होना चाहिए.
कोई भी गलत इन्फॉरमेंशन, फ्रॉड और साइबर सिक्यॉरिटी को ध्यान में रखना चाहिए.