Silver Loan: बैंकों ने आरबीआई से की सिल्वर लोन पॉलिसी बनाने की मांग, जानिए क्या है वजह?
June 16, 2023देश भर के बैंकों ने आरबीआई से गोल्ड लोन की तरह सिल्वर लोन के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है. बैंकों का कहना है कि मौजूदा गोल्ड मेटल लोन्स (GML) की तर्ज पर सिल्वर मेटल लोन (SML) के लिए भी नई पॉलिसी बनाई जाए. जिससे ग्राहकों को चांदी के गहनों पर भी लोन दिया जा सके.
बैंक एग्जिक्यूटिव ने कहा कि चांदी के एक्सपोर्ट में 16 फीसदी बढ़ोतरी के साथ ही ज्वेलरी मेकर्स बैंकों से चांदी, चांदी की वस्तुओं की खरीद और गहनों के निर्माण के लिए कर्ज देने को कह रहे हैं.
इसके अलावा पिछले महीने एक बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया गया था. चांदी का एक्सपोर्ट लगभग 25,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है और इस सेक्टर से कर्ज की भारी मांग हो रही है.
मौजूदा रेग्युलेशन के तहत, बैंक सोना इम्पोर्ट करने के लिए अधिकृत हैं, और गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, 2015 (GSM) में भाग लेने वाले बैंक ज्वेलरी एक्सपोर्टर्स या सोने के गहनों के घरेलू निर्माताओं को गोल्ड मेटल लोन (जीएमएल) प्रदान कर सकते हैं. जबकि लोन रुपए में चुकाया जाना है, उधार लिए गए सोने के मूल्य के बराबर बैंक कुछ शर्तों के अधीन उधार देने वालों को एक किलो या उससे अधिक के फिजिकल गोल्ड में जीएमएल का एक हिस्सा चुकाने का विकल्प प्रदान कर सकते हैं.
ज्वेलरी मेकर्स मांग रहे लोन
एक बैंक अधिकारी का कहना है कि चांदी के बढ़ते एक्सपोर्ट के बीच ज्वेलरी मैन्यूफैक्चर्स बैंकों से चांदी की खरीद, चांदी के प्रोडक्ट और जुलरी मैन्यूफैक्चरिंग के लिए लोन बढ़ाने को कह रहे हैं. क्योंकि इस सेगमेंट में लगभग 14-15% की वार्षिक वृद्धि है, अगर हमारे पास गोल्ड लोन के समान स्ट्रक्चर हो तो बेहतर रहेगा. आरबीआई के दिशानिर्देशों को जोड़ने से यह सुनिश्चित होगा कि मौजूदा नियमों का कोई उल्लंघन नहीं है.
भारत के जेम ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के नए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 के दौरान चांदी के आभूषणों का एक्सपोर्ट 16.02% बढ़कर 23,492.71 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 20,248.09 करोड़ रुपए था.
केंद्रीय बैंक ने लैंडर्स को दी थी चेतावनी
केंद्रीय बैंक ने पहले लैंडर्स को चेतावनी दी थी कि उचित मॉनिटरिंग सिस्टम की कमी और गोल्ड मेटल लोन के अंतिम उपयोग को सुनिश्चित नहीं करने के परिणामस्वरूप कुछ बेईमान जौहरियों की ओर से जीएमएल से संबंधित धोखाधड़ी या दुरुपयोग के कुछ मामले सामने आए हैं.
इसने बैंकों को ट्रैक रिकॉर्ड और लैंडर्स की क्रेडिट योग्यता, मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों के कारोबार चक्र और प्रस्ताव पर सिक्योरिटीज को ध्यान में रखते हुए जीएमएल ग्राहकों की क्रेडिट आवश्यकताओं का आंकलन करने का निर्देश दिया था.