Lean Diabetes: केवल मोटापा ही नहीं है डायबिटीज का कारण, दुबले लोगों में भी है इसका खतरा
June 14, 2023Lean Diabetes: भारत और दुनिया भर में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ICMR ने इस बीमारी को लेकर हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया था, जिसमें भारत में तेजी से डायबिटीज पेशेंट बढ़ने का जिक्र किया गया है। ऐसे में इस बीमारी से जुड़े हर पहलू को समझना बेहद जरूरी हो जाता है। डायबिटीज का सबसे प्रचलित रूप है टाइप 2, जो आमतौर पर अधिक वजन या मोटापे से जुड़ा होता है।
लेकिन क्या आपने कभी लीन डायबिटीज के बारे में सुना है? जैसा कि नाम से पता लग रहा है, लीन डायबिटीज मतलब दुबले लोगों में डायबिटीज की समस्या। अक्सर इस इस बीमारी को मोटापे या फिर अधिक वजन वाले लोगों से जोड़कर देखा जाता है, जिससे दुबले लोग चैन की सांस लेते हैं और सोचते हैं कि वे इससे अछूते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है। आज इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भारत में भी अब डायबिटीज के मामलों की संख्या बढ़ रही है, जहां दुबले लोग भी इसमें शामिल हैं। इन मामलों में व्यक्ति का बीएमआई (Body Mass Index) सामान्य होता है और पेट पर भी अतिरिक्त चर्बी नहीं होती है। इसके बावजूद वो डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। इस विषय पर रोशनी डालने के लिए हमने मनिपाल हॉस्पिटल के डायबिटीज और एंडोक्रिनोलॉजी के कंसल्टेंट, डॉक्टर अभिजीत भोगराज से बात की।
डॉक्टर अभिजीत बताते हैं कि, दुबले व्यक्तियों में डायबिटीज होने के कुछ मुख्य कारणों में से एक है कुछ ऐसे मार्कर्स का न होना शामिल है, जो आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज में देखे जाते हैं। इन व्यक्तियों में इंसुलिन रेसिस्टेंस या गर्दन और अंडरआर्म्स के पीछे की त्वचा में कालापन नहीं होता है।
इसके अलावा इनमें आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज में देखे जाने वाले एंटीबॉडी भी नहीं होते हैं। यह कुछ लक्षण बताते हैं कि ऐसे व्यक्तियों में जेनेटिक वैरिएशन्स हो सकते हैं, जो मोनोजेनिक मधुमेह का कारण बनते हैं।
मोनोजेनिक डायबिटीज क्या है?
मोनोजेनिक डायबिटीज, एक प्रकार की डायबिटीज है, जो सिंगल जीन में होने वाले बदलाव के कारण होता है और यह इंसुलिन फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। यह शरीर में कुछ हद तक इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है, लेकिन यह मोनेजेनिक डायबिटीज का मुख्य कारण नहीं है।
कितने तरह के डायबिटीज दुबले लोगों को प्रभावित कर सकते हैं?
डायबिटीज के कुछ अन्य रूप भी हैं, जो दुबले व्यक्तियों को प्रभावित कर सकते हैं, इनमें
- टाइप 1 डायबिटीज
- टाइप 2 डायबिटीज
- LADA (Latent Autoimmune Diabetes in Adults)
- सिस्टिक फाइब्रोसिस या वायरल संक्रमण के कारण होने वाली डायबिटीज
- स्टेरॉयड जैसी दवाओं के कारण होने वाली डायबिटीज
लीन डायबिटीज के लक्षण क्या हैं?
अभिजीत भोगराज बताते हैं कि, दुबले लोगों में भी डायबिटीज के वही लक्षण देखे जा सकते हैं, जो वजन वाले व्यक्तियों में नजर आते हैं, जैसे कि बार-बार पेशाब आना, भूख लगना, वजन में कमी, एनर्जी की कमी और विजन में धुंधलापन होना।
हालांकि, कई मामलों में लीन डायबिटीज के लक्षण एसिम्पटोमेटिक होते हैं, यही कारण है कि नियमित जांच और स्क्रीनिंग करवाना आवश्यक है, खासतौर से जिन लोगों का डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास रहा है।
लीन डायबिटीज से बचाव कैसे करें?
डॉक्टर अभिजीत के मुताबिक सभी लोगों को एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने की आदत डालनी चाहिए। खासतौर से अनहेल्दी जीवन शैली जी रहे लोगों को डाइट में बदलाव करने और रोज व्यायाम करने की आदत डालने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा रेगुलर ब्लड शुगर की जांच, HbA1c टेस्टिंग और निरंतर ग्लूकोज की निगरानी से डायबिटीज वाले लोगों को इस स्थिति को मैनेज करने और इससे जुड़ी परेशानियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
लीन डायबिटीज में जेनेटिक्स और अन्य कारकों की भूमिका क्या है?
दुबले व्यक्तियों में डायबिटीज की एक बड़ी वजह जेनेटिक हो सकती है। हालांकि, इसके अलावा भी कई ऐसे कारण है, जिन्हें समझना और उनसे जुड़े लक्षणों को पहचानना जरूरी है। दुबले व्यक्तियों में मधुमेह के मामलों की पहचान करने के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग और फॉलो-अप काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वहीं इस स्थिति से जूझ रहे लोगों को कुछ परहेज करने से काफी हद तक राहत मिल सकती है और संभावित परेशानियों को टाला भी जा सकता है।