Pregnancy Tips: बच्चे पर गहरा असर डालती है प्रेग्नेंसी में आपके सोने की पोजिशन, जानें क्या है सही तरीका
June 11, 2023Pregnancy Tips: प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक सुखद अहसास होता है। अपने जीवन में ज्यादातर महिलाएं इस दौर से गुजरती हैं। खुशी और मातृत्व का अहसास कराने वाले इस पड़ाव के दौरान महिलाओं को कई सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए सुखद मगर एक कठिन समय होता है। इस दौरान उन्हें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर सोते समय उन्हें काफी परेशानियां होती हैं।
गर्भावस्था के दौरान, रात में आरामदायक नींद का अनुभव करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जैसे-जैसे आपका शरीर बढ़ता है, आरामदायक नींद पाना मुश्किल होता जाता है। वजन बढ़ने की वजह से पैर में ऐंठन और पीठ में दर्द होना आम बात है। कई गर्भवती महिलाओं को इस दौरान बुरे सपने भी आने लगते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सोने की सही पोजिशन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान कैसे सोएं?
गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर डॉक्टर करवट लेकर सोने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सोने की इस पोजिशन की वजह से गर्भाशय में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जो भ्रूण को बढ़ने में मदद करता है और संकोचन के जोखिम को कम करता है। साथ ही सोते समय अगर आप करवट बदल हैं, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि झटके से करवट न बदलें, क्योंकि ऐसा करने से समस्या हो सकती है।
बाईं ओर सोने के फायदे
आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान बाईं ओर सोने की स्थिति को प्रेग्नेंसी के लिए सही माना जाता है। दरअसल, जब अब आप बाईं तरफ करवट लेकर सोते हैं, तो इससे इन्फीरियर वेना केवा (आईवीसी- एक तरह की नस) में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जो दिल और बच्चे तक खून पहुंचाने का काम करती है। साथ ही बाईं ओर सोने से लीवर और किडनी पर दबाव कम होता है, जिससे वे अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाते हैं। इससे हाथों, टखनों और पैरों में सूजन कम हो सकती है।
सोते समय न करें ये गलती
अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप पीठ के बल कभी न सोएं। इस तरह सोने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर गहरा असर पड़ सकता है। साथ ही पीठ के बल लेटने से मसल्स और रीड की हड्डी पर भी प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं पीठ के बल सोने या लेटने से बच्चे को ऑक्सीजन लेने में भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए लेटते समय अपनी पोजीशन पर खास ध्यान रखें। ऐसा करने से मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहेंगे।