Acid reflux in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में एसिडिटी ने कर रखा है परेशान, तो इन उपायों से पाएं इससे राहत
June 9, 2023Acid reflux in Pregnancy: गर्भावस्था का समय कई महिलाओं के जीवन का एक रोमांचक समय हो सकता है। 9 महीने की यह यात्रा खुशी देने वाली हो सकती है, लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह रोलरकोस्टर राइड जैसी भी हो सकती है, जिसमें कई चुनौतियाां होती हैं। ज्यादातर भावी माताएं अपनी सारी एनर्जी अपने बच्चे को स्वस्थ बनाए रखने पर लगा देती हैं, लेकिन इसके साथ ही अपनी हेल्थ पर भी ध्यान देना उतना ही जरूरी होता है।
सहगल नियो हॉस्पिटल, नई दिल्ली की एमबीबीएस एमएस (ऑब्स्टेट्रिक्स एण्ड गायनीकोलॉजी) डॉ. अल्का जैन ने कहा कि, “गर्भावस्था में एसिड रिफ्लक्स बहुत आम होता है। इसके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन फिर भी इससे परेशानी हो सकती है। लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। सुरक्षित और प्रभावी एंटासिड के साथ लाइफस्टाइल और डाइट में जरूरी बदलावों से इससे राहत पाना मुमकिन है, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे और उसे मैनेज करना मुश्किल हो रहा हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।”
एबॅट में मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर डॉ. जेजॉय करन कुमार ने कहा, “हर महिला की गर्भावस्था की यात्रा अलग होती है। एबॅट में हम इस पर जागरूकता पैदा करने और गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को स्ट्रॉन्ग बनाने का प्रयास करते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाकर एसिड रिफ्लक्स जैसी परेशानी को दूर करना इतना मुश्किल नहीं। इसके लिए एसिडिटी के लक्षणों से राहत देने वाले समाधान भी उपलब्ध हैं।”
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं, इनमें टखनों में सूजन से लेकर सुबह होने वाली वॉमिटिंग तक जैसी कई चीजें शामिल हैं, जिनका अनुभव दुनिया की लगभग 70% गर्भवती महिलाएं करती हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक और आम शिकायत है एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न, जिसमें छाती में जलन या सूजन का एहसास होता है। यह 30 से 50% प्रेग्नेंसी में देखा जाता है और 80% महिलाओं को उनके तीसरे ट्राइमेस्टर में प्रभावित करता है।
अगर आप सोच रही हैं कि गर्भावस्था में यह आम क्यों है, तो एक्सपर्ट्स ने इसके कुछ खास कारण बताए हैं, जिनमें इस दौरान शरीर के हॉर्मोन में बदलाव भी शामिल हैं। गर्भावस्था की बाद वाली अवस्थाओं में शिशु से पेट पर पड़ने वाला ज्यादा दबाव भी एक कारण हो सकता है। यह तब भी हो सकता है, जब आप ‘दो लोगों जितना भोजन’ करें, क्योंकि पेट पूरा भरने से अपच की संभावना बढ़ जाती है।
हार्टबर्न से राहत पाने के लिए अपनाएं ये उपाय
1. इन चीज़ों को करें अवॉयड
एसिडिटी का कारण बनने वाली चीजें न खाएं। इनमें फैटी, तले-भुने आइटम्स, मसालेदार फूड्स, चॉकलेट, मिंट और ज्यादा एसिडिक कंटेन्ट वाली चीजें (जैसे कि संतरे, मौसमी, नींबू और अंगूर) शामिल हैं। इसके अलावा, कैफीन और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से भी बचें (जैसे कि कॉफी और सोडा)। गर्भावस्था में आपको धूम्रपान और शराब का सेवन भी छोड़ देना चाहिए। इनसे न सिर्फ अपच होता है, बल्कि यह आपकी और आपके अजन्मे बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकते हैं।
2. हेल्दी डाइट लें
हेल्दी व बैलेंस्ड डाइट लें और ध्यान दें कि अलग-अलग चीजें खाने के बाद आपको कैसा लगता है, जिससे आप कारणों का पता लगा सकें। एक बार में ज्यादा खाने की जगह थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें, क्योंकि ज्यादा मात्रा से हार्टबर्न की प्रॉब्लम और बढ़ सकती है। इसके अलावा, खाते समय सीधे बैठें, जिससे आपके पेट पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
3. सोने की आदतें बदलें
खाने के बाद सोने के लिए 2 से 3 घंटे रुकें। इसके लिए रात को थोड़ा जल्दी खाना खा लें। चुस्त फिटिंग वाले कपड़े न पहनें। बाईं करवट सोने, सिर को ऊंचा रखने और पोस्चर में बदलाव से आप एसिडिटी के लक्षणों को दूर रख सकती हैं। इसके अलावा, नींद में किसी भी तरह की डिस्टर्बेंस भी एसिडिटी की वजह बन सकती है। तो रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें। सुकून भरी नींद के लिए डॉक्टर से सलाह-मशविरा कर योग और मेडिटेशन कर सकती हैं।
4. राहत देने वाली चीजों को पहचानें
हार्टबर्न से राहत देने वाले सॉल्यूशन भी हैं जैसे- एसिडिटी के लिए एंटासिड दवाएं होती हैं। अगर लाइफस्टाइल में बदलाव से हार्टबर्न के लक्षणों से राहत न मिले, तो डॉक्टर को दिखाएं।
यह उपाय प्रेग्नेंसी में एसिडिटी को कंट्रोल में रखने में मददगार हो सकते हैं।