शोध के सही निष्कर्ष के लिए उपयुक्त विधि का चयन आवश्यक : डॉ स्नेहलता बर्डे
May 30, 2023रायपुर,30,मई। अग्रसेन महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय तथा आईक्यूएसी द्वारा अदिति प्रकाशन रायपुर के साथ संयुक्त रूप से आयोजित तीन-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन के तकनीकी सत्र में डॉ स्नेहलता बर्डे शोध संरचना एवं शोध प्रविधि के तत्वों की चर्चा की। साथ ही डॉ प्रदीप चौरसिया “डाटा कलेक्शन एंड एनालिसिस” विषय पर अपना वक्तव्य दिया।
डॉ स्नेहलता बर्डे ने बताया कि एक प्रभावी शोध लेखन के लिए उपयुक्त शोध संरचना और शोध प्राविधि का चयन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विषय के अनुरूप शोध संरचना और शोध प्राविधि के चयन से शोध की दिशा व्यवस्थित रहती है और निष्कर्ष सही ढंग से प्राप्त होता है।
दूसरे वक्ता डॉ प्रदीप चौरसिया “डाटा कलेक्शन एंड एनालिसिस” विषय पर अपनी प्रस्तुति में बताया कि केवल डाटा कलेक्शन हो जाने शोध कार्य सफल नहीं मन जा सकता। इसके लिए डाटा का सही ढंग से विश्लेषण करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है। उन्होंने यह भी बताया कि शोध में आदर्श स्थिति कभी नहीं आती। इसलिए वास्तविक डाटा में त्रुटि आने पर कुछ डाटा को हटाना भी पड़ता है, ताकि परिणाम सही ढंग से लाया जा सके। अपने संबोधन के बाद दोनों वक्ताओं ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में डायरेक्टर डॉ वीके अग्रवाल ने कहा कि। इस कार्यशाला से महाविद्यालय में शोध अध्ययन का सकारात्मक वातावरण निर्मित हुआ है। महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर और वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अमित अग्रवाल ने वक्ताओं की प्रस्तुति को शोधार्थियों के लिए प्रेरक बताते हुए उन्हें साधुवाद दिया।
अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि महाविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त शैक्षणिक वातावरण तैयार करने की पहल की गई है।
कार्यशाला में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों की सक्रिय भागीदारी रही। मंगलवार के सत्र का संचालन वाणिज्य संकाय के प्राध्यापक प्रो अभिनव अग्रवाल ने किया। वहीँ, सत्र का सारांश वाणिज्य संकाय की प्राध्यापक डॉ नुपूर अग्रवाल ने प्रस्तुत किया। कल कार्यशाला के तीसरे और अंतिम दिन डॉ प्रफुल्ल कुमार वैद्य रिसर्च जर्नल के अंत में निष्कर्ष, सन्दर्भ तथा बिब्लियोग्राफी लिखने सम्बन्धी तकनीकी जानकारी देंगे। साथ ही डॉ जगदीश अजवानी शोध आलेख के लिए साहित्य के पुनरावलोकन हेतु गूगल स्कोलर के इस्तेमाल की विधि पर अपना वक्तव्य देंगे।