डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है भारत
May 18, 2023भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता मिलना एक वरदान की तरह साबित होता दिखाई दे रहा है। भारत ने हाल ही के वर्षों में कई क्षेत्रों में जो अतुलनीय प्रगति की है, इसे देखकर जी-20 समूह के सदस्य देश आश्चर्यचकित हो रहे हैं। भारत चूंकि जी-20 समूह के सदस्य देशों की विभिन्न बैठकें देश के लगभग समस्त राज्यों के अलग अलग नगरों में आयोजित कर रहा है, इससे देश के समस्त राज्य न केवल इन बैठकों के लिए विशेष तैयारियां कर रहे हैं बल्कि विभिन्न देशों से आने वाले प्रतिनिधि भी इन शहरों में भारत की आर्थिक प्रगति की झलक देख पा रहे हैं।
जी-20 समूह का महत्व इस जानकारी से बहुत स्पष्ट तौर पर झलकता है कि पूरे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में जी-20 समूह के सदस्य देशों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत की है। विश्व के 193 देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद 95 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इसमें, जी-20 समूह के सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था का आकार 75 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है। विश्व की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी एवं भारत) को मिलाकर दुनिया की आधी से अधिक अर्थव्यवस्था बनती है। वर्ष 2022 में केवल 18 देशों का सकल घरेलू उत्पाद एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक था।
पूरे विश्व का 75 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय विदेश व्यापार जी-20 समूह के सदस्य देशों में होता है। कुल मिलाकर जी-20 समूह के सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया को प्रभावित करती है। अतः स्वाभाविक तौर पर जी-20 समूह का उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटना है एवं जी-20 समूह के सदस्य देशों की जिम्मेदारी वैश्विक स्तर पर वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की है। जी-20 समूह के सदस्य देशों में शामिल हैं- अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रान्स, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, यूरोपीय संघ, टर्की एवं ब्रिटेन।