गरियाबंद : पुनारद ने प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों की खेती कर आमदनी की बढ़ोतरी
September 30, 2022गरियाबंद , 29 सितम्बर Iफिंगेश्वर विकासखण्ड के राजिम निवासी पुनारद सोनकर ने अपने 2.150 हेक्टेयर सिंचित रकबा में परम्परागत सब्जी के खेती बदले प्लास्टिक मल्चिंग के माध्यम से खेती कर अपनी अमदनी बढ़ाने में सफलता हासिल की है। कृषक पुनारद ने बताया कि पहले मैं परंपरागत तरीके से सब्जी की खेती करता था, जिससे मुझे आमदनी बहुत ही कम हो रही थी। सरकार की बाड़ी विकास योजना से प्रभावित होकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के सम्पर्क में आने के पश्चात् उनके द्वारा प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों की खेती करने की सलाह दी गयी। जिसके पश्चात मैंने उनके मार्गदर्शन में प्लास्टिक मल्चिंग से खेती करना प्रारम्भ किया। उद्यानिकी विभाग के राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत प्लास्टिक मल्चिंग लगाने पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि 12800 रुपये भी प्राप्त हुआ। जिसका उपयोग मैंने सब्जी की खेती पर किया, जिससे मेरी लागत में कमी आई। सब्जी की खेती करने में जो मजदूरी लगती थी उस पैसे की भी बचत होने लगी पौधो का विकास भी अधिक हुआ एवं उपज में भी डेढ़ से दो गुने तक की वृद्धि हुई है। अब उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त हो रही है। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में पारंपरिक तरीके की अपेक्षा आधुनिक तरीके से सब्जी की खेती करने से मुझे दोगुने से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है, जिससे मेरी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने सरकार की बाड़ी विकास योजना को सब्जी उत्पादक कृषकों के आमदनी बढ़ाने के लिए सहायक मानते हुए शासन-प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।फिंगेश्वर विकासखण्ड के राजिम निवासी पुनारद सोनकर ने अपने 2.150 हेक्टेयर सिंचित रकबा में परम्परागत सब्जी के खेती बदले प्लास्टिक मल्चिंग के माध्यम से खेती कर अपनी अमदनी बढ़ाने में सफलता हासिल की है। कृषक पुनारद ने बताया कि पहले मैं परंपरागत तरीके से सब्जी की खेती करता था, जिससे मुझे आमदनी बहुत ही कम हो रही थी। सरकार की बाड़ी विकास योजना से प्रभावित होकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के सम्पर्क में आने के पश्चात् उनके द्वारा प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों की खेती करने की सलाह दी गयी। जिसके पश्चात मैंने उनके मार्गदर्शन में प्लास्टिक मल्चिंग से खेती करना प्रारम्भ किया। उद्यानिकी विभाग के राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत प्लास्टिक मल्चिंग लगाने पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि 12800 रुपये भी प्राप्त हुआ। जिसका उपयोग मैंने सब्जी की खेती पर किया, जिससे मेरी लागत में कमी आई। सब्जी की खेती करने में जो मजदूरी लगती थी उस पैसे की भी बचत होने लगी पौधो का विकास भी अधिक हुआ एवं उपज में भी डेढ़ से दो गुने तक की वृद्धि हुई है। अब उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त हो रही है। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में पारंपरिक तरीके की अपेक्षा आधुनिक तरीके से सब्जी की खेती करने से मुझे दोगुने से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है, जिससे मेरी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने सरकार की बाड़ी विकास योजना को सब्जी उत्पादक कृषकों के आमदनी बढ़ाने के लिए सहायक मानते हुए शासन-प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।फिंगेश्वर विकासखण्ड के राजिम निवासी पुनारद सोनकर ने अपने 2.150 हेक्टेयर सिंचित रकबा में परम्परागत सब्जी के खेती बदले प्लास्टिक मल्चिंग के माध्यम से खेती कर अपनी अमदनी बढ़ाने में सफलता हासिल की है। कृषक पुनारद ने बताया कि पहले मैं परंपरागत तरीके से सब्जी की खेती करता था, जिससे मुझे आमदनी बहुत ही कम हो रही थी। सरकार की बाड़ी विकास योजना से प्रभावित होकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के सम्पर्क में आने के पश्चात् उनके द्वारा प्लास्टिक मल्चिंग से सब्जियों की खेती करने की सलाह दी गयी। जिसके पश्चात मैंने उनके मार्गदर्शन में प्लास्टिक मल्चिंग से खेती करना प्रारम्भ किया। उद्यानिकी विभाग के राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत प्लास्टिक मल्चिंग लगाने पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि 12800 रुपये भी प्राप्त हुआ। जिसका उपयोग मैंने सब्जी की खेती पर किया, जिससे मेरी लागत में कमी आई। सब्जी की खेती करने में जो मजदूरी लगती थी उस पैसे की भी बचत होने लगी पौधो का विकास भी अधिक हुआ एवं उपज में भी डेढ़ से दो गुने तक की वृद्धि हुई है। अब उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त हो रही है। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में पारंपरिक तरीके की अपेक्षा आधुनिक तरीके से सब्जी की खेती करने से मुझे दोगुने से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है, जिससे मेरी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने सरकार की बाड़ी विकास योजना को सब्जी उत्पादक कृषकों के आमदनी बढ़ाने के लिए सहायक मानते हुए शासन-प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।