ट्रेनों के परिचालन रद्द होने से लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित
September 29, 2022रायपुर ,29 सितम्बर । कोरोनाकाल के बाद जब से ट्रेनों का परिचालन आरम्भ हुआ है तब से लगातार भारतीय रेल की ओर से कभी भी अचानक ट्रेनों को रद्द किया जाना चिंताजनक है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि ट्रेनों के परिचालन रद्द होने से प्लेटफार्म पर रोजगार करने वाले लाखों लोगों के व्यवसाय बर्बाद हो गए हैं । प्लेटफॉर्म पर कार्य कर अपनी आजीविका चलाने वाले कुली, वेन्डर्स, दुकानदार व छोटे छोटे रोजगार से परिवार का पेट पालने वाले लाखों लोगों के सामने दो वक़्त की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है ।
सैकड़ों ट्रेनों के परिचालन रद्द होने से देशभर के सैकड़ों प्लेटफॉर्म पर कार्यरत लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा आज रेलवे स्टेशन जाकर कुली , वेन्डर्स ऑटो व ई रिक्सा चालकों जैसे अनेक लोगों से मिलकर उनकी दिक़्क़तों की जानकारी प्राप्त की । सुरेश यादव लेखराम जांगड़े रिंकू यादव प्यारे लाल केवट आदि कुलियों ने बताया कि ट्रेनों के रद्द होने की वजह से कई बार दिनभर में बोहनी तक नही होती परिवार का भरण पोषण दूभर हो गया है । वेन्डर्स ने बताया कि पहले दिनभर में सौ प्लेट से अधिक नास्ता बनाते थे। अब मुश्किल से दस बीस प्लेट ही बिक्री होती है बहुत दिक्कत हो रही है । प्लेटफॉर्म को मॉल के रूप में विकसित करने की बात कर सरकार ने अनेक लोगों को महंगे दामों पर दुकान आबंटित की है और अब ट्रेनों के परिचालन रद्द होने से सबके व्यापार घाटे पर चल रहे हैं ।
जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर कुलियों, वेन्डर्स , ऑटो ई रिक्शा चालकों व प्रभावित लोगों को उचित मुवावजा देने की मांग की है । पत्र में आगे लिखा है कि 1 अक्टूबर को वृद्धजन दिवस पर सीनियर सिटीजन रेलवे कन्सेशन पुनः लागू किया जाए । विगत चार माह में सैकड़ों ट्रेनों के रद्द होने से लगेज़ में बुकिंग से आने वाले सामग्री में स्वाभाविक कमी आई है, महानगरों से माल की आवक नही हो पा रही है , महानगरों में हजारों डाग कई हफ्तों से लेट आ रहे हैं , इस परिवहन से जुड़े अनेक लोगों के सामने भी आजीविका का संकट आ पड़ा है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा से संदेह जाहिर किया है कि यह सब रेलवे के निजीकरण की भूमिका बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है । पिछले एक वर्ष में सैकड़ों ट्रेनें कभी भी रद्द कर दी गई जिससे चार माह पहले बुकिंग करने वाले यात्रियों को मानसिक व आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है और रेलवे चार माह हजारों करोड़ की राशि का मुफ्त में उपयोग करता है। सरकार का दायित्व जनता को सुविधा मुहैया कराना है परन्तु केन्द्र का रेल प्रशासन जनता को परेशान करने में लगा है । रेलवे सुविधाओं में कमी करता जा रहा है । बुजुर्गों के लिये रियायत को बन्द करना केन्द्र सरकार का संवेदनहीन निर्णय है जिस पर शीघ्र पुनर्विचार करना चाहिए ।