Delhi Air Pollution: मानसून से पहले ही साफ हुई हवा, लू और धूल के मौसम में दिल्लीवासी खुलकर ले रहे सांस
May 3, 2023भीष्रण गर्मी, लू और धूल भरे इस सीजन में भी मौसम की मेहरबानी से तापमान ही नहीं गिरा, हवा भी मानसून से पहले ही साफ हो गई है। देश के अधिकांश हिस्सों में हाल फिलहाल लोग खूब खुलकर सांस ले पा रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो दिनों से दिल्ली एनसीआर सहित देश के 190 से अधिक शहरों का एक्यूआई ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ श्रेणी में चल रहा है। दो तीन दिन और यह राहत बने रहने की संभावना है।
गौरतलब है कि अप्रैल के आखिर और मई की शुरुआत में आमतौर पर तेज गर्मी पड़ती है, भीषण लू चलती है और शुष्क मौसम होने के चलते धूल भी उड़ती रहती है, लेकिन मौसम की मेहरबानी से इस समय भी लोग न केवल ठंडक का एहसास कर रहे हैं, बल्कि मानसून से पहले ही एकदम साफ हवा में सांस भी ले पा रहे हैं। दमा, अस्थमा और सांस के रोगियों को भी इस समय खासी राहत मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा मंगलवार को 200 शहरों का एयर क्वालिटी बुलेटिन जारी किया गया। इनमें से 192 शहरों की हवा या तो ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ श्रेणी में थी।
सोमवार को भी कमोबेश यही स्थिति थी। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर इंडिया का पूर्वानुमान है कि अगले कई दिन वायु प्रदूषण से यह निजात मिलती रहेगी।
मंगलवार को देश के कुछ प्रमुख हिस्सों का एक्यूआई
शहर एक्यूआई
- आगरा 47
- अंबाला 55
- बहादुरगढ़ 65
- भिवाड़ी 90
- चंडीगढ़ 58
- हापुड़ 51
- हावड़ा 62
- इम्फाल 60
- कानपुर 47
- लखनऊ 69
- मुरादाबाद 56
- पानीपत 33
- पटियाला 44
- सिवान 72
- वाराणसी 49
- यमुनानगर 50
मंगलवार को दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई
शहर एक्यूआई
- दिल्ली 76
- फरीदाबाद 75
- गाजियाबाद 67
- ग्रेटर नोएडा 99
- गुरुग्राम 82
- नोएडा 66
कितने एक्यूआई पर कौन सी श्रेणी?
- 0 से 50- अच्छी
- 51 से 100- संंतोषजनक
- 101 से 200- मध्यम
- 201 से 300- खराब
- 301 से 400- बहुत खराब
- 401 से 500- गंभीर
- 501 से ऊपर आपातकालीन
क्या बोले सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक?
अप्रैल और मई में वर्षा कम होने की वजह से मिट्टी शुष्क हो जाती है। शुष्क मिट्टी काफी हल्की होती है और उसकी दूर तक उड़ने की क्षमता काफी अधिक होती है। अब जबकि अच्छी वर्षा हो रही है तो न केवल धूल बल्कि प्रदूषक तत्व भी पूरी तरह बैठ गए हैं। इसीलिए हवा साफ चल रही है। आमतौर पर यह स्थिति जुलाई और अगस्त में मानसून की वर्षा के दौरान बनती है।