12वीं में नहीं थे 50 प्रतिशत अंक, NHRC ने बचाई दो लाख शिक्षकों की नौकरी, NCTE के इस नियम से हुई मुश्किल
September 29, 2022राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बताया है कि आयोग के दखल से देश भर में विभिन्न श्रेणियों के स्कूलों में 2 लाख से अधिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट अपर प्राइमरी लेवल के टीचरों की नौकरियां बच गई हैं। विभिन्न सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के ये शिक्षक 12वीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंकों के पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करते हैं। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, ”राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनटीटीई – National Council for Teacher Education – NCTE ) के दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस – NIOS ) को इन शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
कईं शिक्षकों ने प्रारंभिक शिक्षा में, अपना उपाधिपत्र (डिप्लोमा) पूरा किया, लेकिन एनआईओएस ने उन लोगों का डिप्लोमा-सह-प्रमाण पत्र जारी नहीं किया, जिनके पास 12वीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंक नहीं थे, जिससे उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती थी।”
यह प्रशिक्षण सभी अप्रशिक्षित सेवारत शिक्षकों के लिए वर्ष 2017 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम में बदलाव के अनुसार आवश्यक था।
बयान में कहा गया, ”उक्त मामले पर शिकायत मिलने पर आयोग ने पाया कि एनआईओएस ने अपनी विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) में यह निर्दिष्ट नहीं किया था कि प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा करने के लिए सेवारत स्नातक, स्नातकोत्तर शिक्षकों के लिए पात्रता मानदंड दसवीं एवं 12वीं में 50 प्रतिशत अंक होंगे।”
आयोग ने शिक्षा मंत्रालय को पूरे मुद्दे पर फिर से विचार करने के लिए कहा क्योंकि इससे सेवारत शिक्षकों के आजीविका के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।बयान के मुताबिक, ”आयोग की सिफारिशों पर विचार करते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वैधानिक प्रावधानों और जीवन और आजीविका के अधिकार के बीच संतुलन बनाते हुए, उन सभी उम्मीदवारों को इस मानदंड से एकमुश्त छूट दी है, जिन्होंने एनआईओएस से प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा पास किया है।”
आयोग के हस्तक्षेप ने देश भर के सरकारी / सरकारी सहायता प्राप्त और निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में दो लाख से अधिक स्नातक / स्नातकोत्तर उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की नौकरी बच गई है क्योंकि उनके पास 12 वीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंक नहीं थे।।