Social Media पर दोस्ती कर 700 महिलाओं को फंसाया, करोड़ों ठगे…..
April 20, 2023नोएडा,20 अप्रैल । नोएडा पुलिस ने सोशल मीडिया पर ठगी करने वाले नाइजीरियाई गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सदस्य इंस्टाग्राम पर युवतियों से दोस्ती कर उन्हें महंगे गिफ्ट भेजने के बहाने अपने जाल में फंसाते थे। इसके बाद गिफ्ट कस्टम अधिकारियों द्वारा जब्त किए जाने की बात कहकर उनसे लाखों रुपये क्लीयरेंस के नाम पर ठगते थे। इस गिरोह ने अब तक सैकड़ों हाई प्रोफाइल महिलाओं को अपने झांसे में लाकर ठगी की है। पकड़े गए गिरोह में 7 नाइजीरियाई नागरिक और एक भारतीय महिला शामिल है।
एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि पुलिस ने डेनियल जोन निवासी अकरा घाना, कैल्विन ओकाफोर ग्यूईज निवासी ओबीयानीमा डेल्टा स्टेट नाइजीरिया, उच्चेन्ना एग्बू निवासी उम्हिया एनूगू स्टेट नाइजीरिया, जोनस डैक्का निवासी अकरा घाना, हिबिब फोफाना निवासी आबिदजान कोट डिलवोइर, ईक्सा सगीरनिवासी कडूना स्टेट नाइजीरिया, राधिका चेत्री निवासीगंगटोक सिक्किम, ओयोमा लीसा डोमनिक निवासी डेल्टा स्टेट नाइजीरिया को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी दिल्ली के निहाल विहार में एक फ्लैट में रहते थे।
एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि अभी तक की जांच में इन लोगों ने करीब 700 महिलाओं को अपना शिकार बनाया है। ठगी का काम ये कई सालों से कर रहे थे। ठगी के पैसों को ये विभिन्न फर्जी खातों में ट्रांसफर कर प्राप्त हुई धनराशि को इनके अन्य साथी जोनस डैक्का के फर्जी खाते में ट्रांसफर करवा दिया जाता है। इसके बाद इनके एक और अन्य साथी हिबिब फोफाना द्वारा पैसों को इंडियन करेंसी से नाइजीरियाई करेंसी में बदलकर अपने शौक पूरे किए जाते थे।
एडीसीपी ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है। ये मूल रूप से अफ्रीका महाद्वीप के नाइजीरिया, घाना, आबिद जान देश के निवासी हैं। भारत में वर्ष 2021 में पढ़ाई और इलाज के वीजा पर आए थे। इनमें से चार का वीजा 2021 के 6 माह बाद खत्म हो चुका था। वीजा की वैधता अवधि खत्म होने के बाद भी ये आरोपी अपने मूल देश वापस नहीं गए और भारत में रहकर लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। ये सभी आरोपी इंस्टाग्राम पर महिलाओं से दोस्ती करते थे।
विश्वास में लेने के बाद पर्सनल नंबर लेते थे, जिसके बाद महिलाओं से उनका पता लेकर उनके पते पर फर्जी रूप में गोल्ड ज्वेलरी, महंगी घड़ी, फोन इत्यादि सामान भेजने का नाटक कर महिलाओं को धोखे में रखकर उनसे विभिन्न रूप में कस्टम ड्यूटी आदि के रूप में पैसों की ठगी करते थे। ये महिलाओं को आकर्षित करने के लिए अपने आपको नेवी का कैप्टन बताते और उनको फोटो भेजते थे। इस गिरोह की महिला कस्टम अधिकारी बनकर उनसे बात करती और पैसे ऐंठती थी, क्योंकि महिला आरोपी को हिंदी बोलना आता था।