पत्नी की हत्या का आरोप: Supreme court ने Extra Judicial Confession रद्द किया, शख्स 13 साल बाद जेल से रिहा…
March 6, 2023नई दिल्ली 06 मार्च | निखिल चंद्र मंडल 13 साल तक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति (एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन) के तहत जेल में रहा। उस पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप था। न्यायेतर स्वीकारोक्ति के अभियोजन ने मंडल को, जो अब लगभग 64 वर्ष का है, 40 साल तक परेशान किया, वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कानून से जूझ रहा था। इस हफ्ते की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया : यह कानून का सिद्धांत है कि अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति सबूत का कमजोर टुकड़ा है।
जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की खंडपीठ ने कहा : यह माना गया है कि जहां एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति संदिग्ध परिस्थितियों से घिरी हुई है, इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध हो जाती है और यह अपना महत्व खो देती है। मंडल का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील रुखसाना चौधरी ने जोर देकर तर्क दिया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित सुविचारित फैसले और बरी करने के आदेश को उलट कर घोर गलती की है। उन्होंने ेकहा कि तीन गवाहों को किए गए एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन बयान पर विश्वास न करने वाले ट्रायल कोर्ट के निष्कर्ष को या तो विकृत या अवैध नहीं कहा जा सकता और उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है।