पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बल्देव भाई शर्मा को पदोन्नति मामले में न्यायालय की अवमानना का नोटिस
February 15, 2023- 8 फरवरी को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कुलपति बल्देव भाई शर्मा को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए
बिलासपुर,15 फरवरी | पिछले कुछ दिनों से प्रदेश का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय (KTUJM Raipur) चर्चे में है। फिर एक बार हाई कोर्ट ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के एक और मामले में कुलपति को कोर्ट तलब किया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पदोन्नति के मामले में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ शाहिद अली की अवमानना याचिका (Contempt Petition) पर सुनवाई करते हुए कुलपति बल्देव भाई शर्मा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में कोर्ट ने 21 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया है |
*क्या है पूरा मामला
विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अली ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) के अंतर्गत पदोन्नति के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन किया था लेकिन विश्वविद्यालय में पदोन्नति प्रक्रिया नहीं होने पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए 29 जून 2022 को विश्वविद्यालय एवं सचिव उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन को डॉ शाहिद अली के पदोन्नति से संबंधित अभ्यावेदन 90 दिनों के अंदर निराकृत करने का आदेश पारित किया। लेकिन विश्वविद्यालय ने इसका पालन नहीं किया |
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने की स्थिति में याचिकाकर्ता ने न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) का मामला कोर्ट में पेश किया। इस पर 8 फरवरी को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कुलपति बल्देव भाई शर्मा को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए |
उल्लेखनीय है पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति बल्देव भाई शर्मा लगातार शासन और न्यायालयों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोपों से घिरे हैं। विश्वविद्यालय के 23 अनियमित कर्मचारियों को हटाए जाने के मामले में भी कुलपति ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना की है।विश्वविद्यालय के 17 वर्षों के इतिहास में पहली दफा है जब कर्मचारियों छात्रों से लेकर प्राध्यापक तक कुलपति की कारगुजारियों से त्रस्त हैं | कुलाधिपति एवं राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके और छत्तीसगढ़ शासन का छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की लगातार हो रही अवमानना के मामलों का संज्ञान नहीं लिया जाना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है