भारत के हैरान कर देने वाले कुंड, जिनका पानी भरी सर्दी में भी ठंडा नहीं होता
February 15, 2023सर्दियों में घूमने की बेहतरीन जगहों में ‘हॉट वॉटर स्प्रिंग’ का नाम भी आता है। ‘गर्म पानी के झरने’ का अर्थ है प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त गर्म पानी। यहां आना सबसे सुकून भरे पलों में से एक है। अगर आप भी ऐसी जगह घूमने जाना चाहते हैं तो आज हम आपको भारत के ऐसे खास गर्म पानी के झरने के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाना सबसे रोमांचक होता है। सर्दियों में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। यह पानी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं भारत के प्रसिद्ध ‘गर्म पानी के झरने’ के बारे में।
गर्म झरनों का पानी क्या है
गर्म झरने का पानी गर्म पानी के प्राकृतिक झरने की तरह होता है। पृथ्वी में मौजूद गर्म मैग्मा के कारण चट्टानें गर्म हो जाती हैं, इसलिए पानी के संपर्क में आते ही पानी गर्म हो जाता है। यह गर्म पानी झरने या तालाब के रूप में निकलता है। इसमें सोडियम, सल्फर और सल्फर भरपूर मात्रा में होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
बहुत से रोग दूर हो जाते हैं !
गर्म झरनों के पानी का उपयोग न केवल सर्दी के मौसम का आनंद लेने के लिए किया जाता है, बल्कि यह तनाव को कम करने में भी मदद करता है। गर्म झरने के पानी में कुछ पल बिताने से रक्त संचार में सुधार होता है, मांसपेशियों में दर्द कम होता है और यहां तक कि त्वचा की कई बीमारियां भी कम होती हैं। भारत में गर्म झरनों के प्राकृतिक संसाधन हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, राजगिरी में हैं।
भारत में प्रसिद्ध गर्म पानी के झरने
मणिकरण, हिमाचल प्रदेश
यह एक प्रसिद्ध गर्म पानी का झरना है। इसको लेकर यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति इसमें एक बार नहा ले तो उसके कई रोग खत्म हो जाते हैं। कुल्लू से लगभग 45 किमी दूर स्थित इस कुंड में हर साल लाखों लोग आते हैं।
पनामिक कुंड
लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर से कुछ ही दूरी पर एक बेहद खूबसूरत घाटी मौजूद है, जिसका नाम नुब्रा वैली है। यहां के एक गांव में पनामिक कुंड है। समुद्र तल से 10,442 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस गर्म पानी के संसाधन में नहाने के कई फायदे हैं। यहां का पानी इतना गर्म है कि इसमें स्नान नहीं किया जा सकता।
सूर्यकुंड
यमुनोत्री में गर्म पानी का प्राकृतिक स्रोत भी है। पहले इसे ब्रम्हकुंड कहा जाता था, लेकिन अब इस स्थान को सूर्यकुंड कहा जाता है। यमुनोत्री मंदिर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर सूर्यकुंड स्थित है। यहां आने वाले लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझते कि इतनी ठंडी जगह में गर्म पानी का प्राकृतिक संसाधन मिल सकता है।
राजगीर की पानी की टंकी
राजगीर की वैभवगिरि पहाड़ी पर कई गर्म झरने यानी गर्म पानी के संसाधन हैं। इस स्थान के बारे में मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसे देवी-देवताओं के लिए बनवाया था। यहां कई तालाब मौजूद हैं। इनमें ऋषि कुण्ड, गौरी कुण्ड, गंगा-यमुना कुण्ड, चन्द्रमा कुण्ड, राम-लक्ष्मण कुण्ड शामिल हैं।