एम्स में सिंगापुर, बंग्लादेश के प्रतिभागियों ने जाना योग का महत्व
February 7, 2023रायपुर,07 फरवरी । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘योगअनाटोम-2023’ में सिंगापुर और बंग्लादेश सहित भारत के विभिन्न भागों से आए 80 प्रतिभागियों ने योग के विभिन्न आसन के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर योग और आधुनिक चिकित्सा के मध्य समन्वय बढ़ाने और संयुक्त शोध का भी आह्वान किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने एम्स द्वारा योग के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा इस प्रकार के कार्यक्रम से योग को आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने योग को प्राचीन संस्कृति की धरोहर बताया। उन्होंने इसे दिनचर्या में शामिल कर जीवनशैली आधारित बीमारियों से बचने में उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इससे मानसिक अवसाद को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही आधुनिक चिकित्सा और योग के मध्य और अधिक समन्वय स्थापित कर संयुक्त शोध किया जा सकता है।दो दिवसीय ‘बायोमैकेनिक्स ऑफ योगसान’ कार्यक्रम में योग के विभिन्न आसनों से शरीर के विभिन्न भागों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
विभिन्न सत्रों में प्रमुख रूप से योगासन में शरीर के विभिन्न अंगों की गतियों, मांसपेशियों की स्थिति, अस्थियों पर प्रभाव और योगसान से हृद्यगति और रक्तचाप पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम संयोजक एनाटॉमी विभाग के डॉ. मृत्युजंय राठौर ने बताया कि कार्यशाला में सिंगापुर, बंग्लादेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. सौमित्र त्रिवेदी, डॉ. एकता खंडेलवाल, डॉ. धरम सिंह राठिया और डॉ. राहुल ने विभिन्न सत्रों में प्रस्तुतियां देकर योग के महत्व को रेखांकित किया।