रेलवे सुरक्षा बल ने मनाया अपना 38वां स्थापना दिवस
September 22, 2022लखनऊ 22 सितम्बर । रेलवे सुरक्षा बल ने अपना 38वां स्थापना दिवस 20 सितंबर को जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, लखनऊ में केंद्रीय स्तर पर पहली बार परेड आयोजित कर मनाया। यह पहली बार हुआ है जब नई दिल्ली से बाहर आरपीएफ की राष्ट्रीय स्तर की परेड का आयोजन किया गया। लखनऊ स्थित जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, जो कि आरपीएफ का केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थान है और सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती किए गए रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों का अल्मा मेटर है, में परेड स्थल का चयन किया जाना उल्लेखनीय महत्व रखता है।
केंद्रीय रेल और वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और परेड की सलामी ली। इस कार्यक्रम में बृजलाल, सांसद, राज्य सभा; केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राज्य पुलिस, विभिन्न सरकारी विभागों एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारीगण और अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। रेल राज्य मंत्री ने 23 आरपीएफ कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, सराहनीय सेवा के लिए भारतीय पुलिस पदक, सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक प्रदान किए।
इसके तहत आरपीएफ एनसीआर के हेड कांस्टेबल स्वर्गीय ज्ञान चंद को भी मरणोपरांत सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया जिन्होंने आत्महत्या करने के इरादे से चलती ट्रेन के सामने कूदने वाली एक महिला को बचाते हुए कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। रेलवे सुरक्षा बल ने अश्रुपूर्ण नेत्रों और बड़े गर्व से ज्ञान चंद को स्मरण किया।
मुख्य अतिथि ने अकादमी परिसर में 100 फीट ऊंचे स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण किया एवं फहराया और ट्रेन युक्त प्रशिक्षण के लिए इंजन के साथ एक रेलवे कोच का अनावरण किया और उसे राष्ट्र को समर्पित किया। रेल राज्य मंत्री ने अकादमी के पुनर्निर्मित मुख्य हॉल, जो अब वातानुकूलित हो गया है, का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर आरपीएफ की त्रैमासिक ई-पत्रिका ‘रेल सैनिक’ के एक विशेष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ संस्करण का विमोचन किया गया।
रेल राज्य मंत्री ने इस टुकड़ी के आत्मविश्वासपूर्ण आचरण, भागीदारी और कदम से कदम मिलाते हुए चलने की सराहना की। अपने भाषण में उन्होंने महिला यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में आरपीएफ की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘मेरी सहेली’ टीमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने किसी भी संगठन के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन की प्रमुख भूमिका की रूपरेखा तैयार की और आरपीएफ में प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 55 करोड़ रुपये मंजूर करने की घोषणा की।