धान खरीदी का लक्ष्य पार ,37 हजार 723 किसानों से 411 करोड़ 88 लाख की कीमत के रिकार्ड 20 लाख क्विंटल धान की हुई खरीदी,
January 22, 2023कोरबा ,22 जनवरी । आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले ने इस बार बार फिर धान खरीदी अभियान पर विराम लगने से दस दिन पहले ही खरीफ -विपणन वर्ष 2022-23 में दिए गए लक्ष्य को हासिल कर लिया। 20 जनवरी तक जिले के 41 समितियों के 60 उपार्जन केंद्रों में रिकार्ड 20 लाख 19 हजार 27 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। समर्थन मूल्य में खरीदे गए धान की कीमत 411 करोड़ 88 लाख 15 हजार 488 रुपए की है। शेष बचे 5 खरीदी दिवस में यह आंकड़ा 21 लाख क्विंटल तक पहुंचने के आसार हैं। यहाँ बताना होगा कि समर्थन मूल्य में 1 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की जा रही है। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले को इस साल 19 लाख 80 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया था।
तय लक्ष्य को इस साल कोरबा ने कलेक्टर संजीव झा के कुशल नेतृत्व ,उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बंसत कुमार ,खाद्य अधिकारी जे के सिंह ,नोडल अधिकारी सहकारी बैंक एस के जोशी , जमाल खान सहित अन्य पर्यवेक्षकों की निगरानी में 10 दिन पहले ही पार कर लिया है। 41 समितियों के 60 उपार्जन केंद्रों में लक्ष्य 19 लाख 80 हजार क्विंटल की पूर्ति में 20 जनवरी तक कुल 20 लाख 19 हजार 27 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।37 हजार 723 पंजीकृत किसानों ने समर्थन मूल्य में यह धान बेचा है। खरीदे गए धान की कीमत समर्थन मूल्य में 411 करोड़ 88 लाख 15 हजार 488 रुपए की है। शेष बचे 5 खरीदी दिवस में यह आंकड़ा 21 लाख क्विंटल तक पहुंचने के आसार हैं।
अब तक के आंकड़ों को देखें तो सर्वाधिक धान उपार्जन के मामले में हमेशा की तरह भैसमा सिरमौर है। यहाँ 66 हजार केंद्र 68.80 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। वहीं अंतिम पायदान पर पोटापानी है जहां मात्र 7 हजार 723.60 क्विंटल धान की आवक हुई है। जिन केंद्रों में 50 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी हुई है उनमें भैसमा के अलावा रामपुर 65 हजार 239 क्विंटल,नवापारा 64 हजार 736 क्विंटल ,केरवाद्वारी में 55 हजार 831 क्विंटल ,कोरबी (पाली) 53 हजार 404 क्विंटल ,बेहरचुआं 53 हजार 604 क्विंटल,बरपाली ( कोरबा )52 हजार 874 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।
मार्कफेड की मनमानी ,2 लाख 8 हजार 8 क्विंटल धान जाम ,पड़ोसी जिले के धान के उठाव को प्राथमिकता
एक तरफ जिले में जहाँ रिकार्ड 20 लाख 19 हजार 27 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। वहीं जिले के उपार्जन केंद्रों में अभी भी 2 लाख 8 हजार 8 .80 क्विंटल धान जाम पड़े हैं। हैरानी की बात तो यह है कि मार्कफेड कोरबा जिले में खरीदकर रखे गए 42 करोड़ 43 लाख 36 हजार रुपए की कीमत वाली धान के उठाव की जगह पड़ोसी जिलों पर मेहरबान हैं। दूसरे जिले में खरीदकर रखे गए धान के कस्टम मिलिंग के लिए राईस मिलरों को डीओ जारी किया जा रहा है। हालांकि ये सारी व्यवस्था मुख्यालय स्तर से ऑनलाइन मॉड्यूल में होने की बात कही जा रही। मार्कफेड जहां सर्वाधिक धान जाम हैं वहां के धान को तत्परता से उठाव करने के लिए इस तरह की व्यवस्था की बात कह रही। लेकिन कायदे से जब तक संबंधित जिलों से शतप्रतिशत धान का उठाव नहीं हो जाता वहाँ के राईस मिलरों के लिए दूसरे जिले के धान का उठाव हेतु डीओ जारी नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में समितियों में खरीदकर रखे गए धान के शार्टेज (सूखत)की संभावना बढ़ जाएगी। यूँ कहें मार्कफेड जानबूझकर समितियों का आर्थिक नुकसान करने पर आमादा है।
सभी के समन्वय सहयोग से लक्ष्य हासिल किए
कोरबा जिले ने धान खरीदी के तय लक्ष्य को धान खरीदी अभियान से जुड़े सभी विभागों के समन्वय सहयोग से प्राप्त कर लिया है। इस साल भी जीरो शार्टेज देने की पूरी कोशिश रहेगी।
बसंत कुमार ,उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं कोरबा
शीघ्र कर लिए जाएंगे उठाव,प्राथमिकता देनी होगी
धान के उठाव की पूरी जिम्मेदारी मार्कफेड की है ,लगातार वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा रहा है । उम्मीद है शीघ्र शेष धान का उठाव कर लिया जाएगा ,जिले के धान के उठाव को प्राथमिकता देनी चाहिए।