प्राकृतिक झरने से बनेगी बिजली, 5 गांव होंगे रौशन
January 7, 2023रायगढ़,07 जनवरी । हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांवों में बसता है, लेकिन कई ऐसे गांव हैं जहां न तो पहुंच मार्ग है और ना ही गांवों में बिजली पहुंची है। जिले के कई गांवों में ही अब भी ऐसी स्थिति है। ऐसे में धरमजयगढ़ ब्लाक के 5 गांवों में प्राकृतिक झरने से बिजली उत्पादन करते हुए उन्हें रौशन करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसमें कंचीरा, चापछकार, बेलझरिया-नेवार, जलडेगा, छुहीपहाड़ गांव शामिल हैं।
इस कार्य को धरमजयगढ़ ब्लाक के प्रोसेफर डीएस मालिया व उनकी टीम के द्वारा धरातल पर उतारा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर वे करीब 20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। इसका नाम उन्होंने प्रोजेक्ट लाइट फार लाइफ दिया है। इसमें अपना गांव अपनी बिजली की तर्ज पर न लाइन कटने का डर और न आंधी तूफान में ट्रांसफार्मर उड़ने का चक्कर रहेगा। इसमें जितना पानी होगा, उतनी बिजली बनाई ला सकेगी।
वनविभाग को इस परियोजना के लिए चिन्हांकित स्थल पर चैक डैम बनाने का निर्देश दिया गया है। बताया जा रहा है की वन विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना करते हुए चैक डेम प्राक्कलन तैयार कर शासन को भेज दिया है। प्रोजेक्ट डेवलपमेंट प्रोफेसर डीएस मालिक के साथ उनके सहयोगी प्रमोद चंदेल, गुलाब पटेल एवं आलोक के द्वारा आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही इसे मूर्तरूप देने में गांव के उत्साही युवक उनका साथ दे रहे हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक गांव का प्रोजेक्ट अलग-अलग है। ऐसे में इसकी लागत भी अलग-अलग आएगी।
एक गांव पहले से हो रहा रौशन
इससे पहले धरमजयगढ़ के सुदुर आदिवासी वाले बोरझरिया गांव में इस प्रोजेक्ट को मूर्तरूप दिया जा चुका है। बताया जा रहा है कि यहा 15 दिनों की अथक प्रयास के बाद गांव में निवासरत सभी 26 घरों में 5-5 बल्ब कनेक्शन किया गया। इसके अलावा एक आंगनबाड़ी केंद्र व एक स्कूल में कनेक्शन जोड़ा गया। अब यहां न तो आंधी तूफान से बिजली गुल होने का भय है और ना ही ट्रांसफार्मर भ्रष्ट होने का खतरा है।