छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र दो जनवरी से
January 2, 2023रायपुर,02 जनवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र दो जनवरी से शुरू होगा। इससे पहले 1 और 2 दिसंबर को आयोजित विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 1 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था और अब इसे शीतकालीन सत्र के रूप में बढ़ा दिया गया है। ये शीतकालीन सत्र अब छह जनवरी को समाप्त होगा। इस दौरान पांच सिटिंग्स होगी। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के राज्य सरकार के विभागों में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और अन्य मुद्दों को उठाने की संभावना है। भाजपा विधायक दल की बैठक नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के निवास में संपन्न हुई ।
बैठक उपरांत नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया कि हमारी विधायक दल की बैठक संपन्न हुई विधायक दल की बैठक 2 जनवरी से 6 जनवरी तक चलने वाले विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र के संदर्भ में हम लोगों ने गंभीरता से विचार विमर्श किया। प्रदेश में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं प्रदेश में जो सबसे बड़ा मुद्दा है वह कानून व्यवस्था का है।
प्रदेश में तेजी के साथ में नित नए किस्म के घटनाएं हो रही इसे लेकर हम स्थगन लाएंगे साथ ही किसानों की समस्याएं, धान बेचने में टोकन प्राप्त करने में किसानों को दिक्कत आ रही है, इसे लेकर हम स्थगन लाएंगे। इस विषय पर विधानसभा में चर्चा करने वाले हैं। प्रदेश के 4 लाख कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर पूरे प्रशासन को ठप किया था । आज भी सरकार अधिकारी कर्मचारियों के, जो प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग है उनके मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही हैं। इस विषय को भी हम विधानसभा में स्थगन के माध्यम से लाने वाले हैं। सरकार को हम बाध्य करेंगे कि वह इस पर चर्चा कराए।
प्रदेश में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं अभी राजनंदगांव में घटना हुई आवास को लेकर, महिलाओं के साथ प्रदेश में जिस तरह से अन्याय अत्याचार दुराचार हो रहा है,धर्मांतरण इस प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा है वह धर्मांतरण नहीं है वह राष्ट्रांतरण है। देश के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वह खतरा है। धर्मांतरण के मुद्दे पर भी हम पूरी गंभीरता के साथ सदन में चर्चा करेंगे। भाजपा मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण का समर्थन करती है तभी ये सर्वसम्मति से विधानसभा में पास हुआ है परंतु भूपेश बघेल सरकार इस विषय पर अनर्गल राजनीति कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम भूपेश बघेल को चुनौती देते हैं कि वे विधानसभा का सम्मान करते हुए वहां सबसे पहले क्वांटिफ़ाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।