सेंटा क्लॉज रात में ही क्यों देते थे गिफ्ट, जानिए दिलचस्प किस्सा
December 25, 2022ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व क्रिसमस है जो कि हर साल 25 दिसंबर को देश दुनिया में बड़ी धूमधाम के मनाया जाता है वैसे तो यह पर्व ईसाई धर्म का है लेकिन इसे सभी धर्म के लोग उल्लास के साथ मानते हैं इस पर्व में जितना महत्व क्रिसमस ट्री, केक, कैंडल्स का होता है उतना ही महत्व सेंटा क्लॉज को भी दिया गया है बच्चों को क्रिसमस का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है क्योंकि इस पर्व में सेंटा क्लॉज उन्हें उपहार देकर जाता है सेंटा लाल और सफेद रंग की पोशाक धारण किए होता है जिसकी सफेद बड़ी दाढ़ी और बाल होते हैं वह अपने कंधों पर उपहारों से भरा झोला टांगता है और हर साल बच्चों को उपहार देकर खुशियां बांटता है तो आज हम अपने इस लेख द्वारा सेंटा से जुड़ी जरूरी और महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए कौन है सेंटा क्लॉज—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संत निकोलस को ही सेंटा क्लॉज के नाम से जाना जाता है संत निकोलस तीसरी सदी में जीसस क्राइस्ट के गुजरने के करीब 280 वर्ष बाद जन्मे थे इनका तुर्किस्तान के मायरा में हुआ था संत निकोलस के बचपन में ही इनके माता पिता दुनिया को अलविदा कह गए थे। ऐसे में इन्होंने अपना पूरा बचपन बड़े कष्टों में गुजारा था प्रभु यीशु की भक्ति में लीन रहने के कारण इनका स्वभाव बहुत दलायु था कहा जाता है कि इन्हें अपने बचपन में कोई खुशी नहीं मिल इसलिए वे बच्चों को खुश करने के हर प्रयास करते थे।
मान्यता है कि निकोलस हमेशा गरीबों की सेवा करते थे वही बड़े होकर वे पादरी बन गए फिर बिशप इसके बाद उन्हें संत की उपाधि मिल गई। कहा जाता है कि क्रिसमस के शुभ दिन पर बच्चों को खुशियां बांटने के लिएवह रात के अंधेरे में अपनी विशेश पोशाक को पहनकर उपहार देने जाते थे जिससे उन्हें कोई पहचान न सके। ऐसा करने से वो खुद भी प्रसन्न होते थे और बच्चों को भी खुश करते थे।