राजस्व पर फोकस: आय में होगी बढ़ोतरी, नए दुकान व मकान आएंगे दायरे में,संपत्तिकर के लिए मकानों के साथ ही दुकानाें का कराया जाएगा सर्वे

राजस्व पर फोकस: आय में होगी बढ़ोतरी, नए दुकान व मकान आएंगे दायरे में,संपत्तिकर के लिए मकानों के साथ ही दुकानाें का कराया जाएगा सर्वे

May 27, 2025 Off By NN Express

खैरागढ़। शहर में सात साल बाद पालिका संपत्तिकर का पुर्ननिर्धारण करने फिर से मकानों का सर्वेक्षण कराएगी। इसका प्रस्ताव पालिका की सामान्य सभा में भी पारित कर दिया गया। सात साल बाद होने वाले संपत्तिकरण सर्वेक्षण से पालिका की राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। वही कच्चे से पक्का, दो मंजिला तीन मंजिला मकान बनाने के बाद भी पूराने सर्वे के हिसाब से संपत्तिकर देने वाले नागरिकों को अब वाजिब संपत्तिकर देना होगा।

संपत्तिकर के नए सर्वे से पालिका के राजस्व में लगभग 15 फीसदी बढोत्तरी का अनुमान है जिससे पालिका की माली हालत में सुधार आएगा और पालिका का खजाना भी बढ़ सकेगा। इसके लिए तैयारी भी लगभग पूरी हो गई है।

नए सर्वे में छूटे, बने और बढे़ मकान आएंगे

पालिका संपत्तिकर के दरो में बढ़ोत्तरी नहीं करेगी। बल्कि सात साल पहले हूए सर्वे के आधार पर तय की गई संपत्तिकर का निर्धारण नए सर्वे के आधार पर करेगी। इससे सात साल में कच्चे से पक्का मकान बनाने, एक मंजिल से दो मंजिला और तीन मंजिला, सात साल पहले सर्वे के बाद बनाए गए मकानो के संपत्तिकरो का निर्धारण नए सिरे से नियमों कें मुताबिक होगा। इसके चलते पालिका को आय के नए स्त्रोत मिल सकेंगे और संपत्तिकर की डिमांड में बढ़ोत्तरी होगी।

साढे़ सात हजार मकान, साढे़ चार हजार देते हैं

नगरपालिका खैरागढ़ क्षेत्र में पालिका में दर्ज जानकारी अनुसार लगभग साढे़ सात हजार मकान है। इसमे से लगभग साढे़ चार हजार मकान और दुकान मालिक पालिका को संपत्तिकर का भुगतान करते है। पिछले सात साल में कई ऐसे मकान भी है जो संपत्तिकर के दायरे में नहीं आते थे। लेकिन अब वह पक्के, दो, तीन मंजिला मकान बन चुके हैं। कई मकानों में सामने का भाग दुकान बनाकर व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। ऐसे में इन नए सर्वे वाले मकानो का कर बढ़ जाएगा।

18 साल में तीसरी बार होगा सर्वे

संपत्तिकर निर्धारण के तहत पिछले 18 साल में नगर में तीसरी बार संपत्तिकर निर्धारण के लिए नए सिरे से सर्वे होगा। सबसे पहले पालिका बनने के बाद 2011-12 में पहली बार संपत्तिकर निर्धारण करने सर्वे किया गया था। जिसे 2012 में लागू किया गया था। इसके बाद पालिका का राजस्व बढ़ाने 2016 में दूसरा सर्वे कराया गया। इसमे संपत्तिकर में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी। जो दर वर्तमान में भी प्रचलित है। शासन स्तर पर संपत्तिकर का वाजिब निर्धारण करने 14 में हूआ था पालिका में 2019 में भी सर्वेक्षण किया जा चुका है। लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका। अब पिछले साल शासन स्तर पर किए गए सर्वे को सामने रखकर उसी सर्वे का पालिका कर्मी घर घर जाकर सत्यापन करेगें। जिसके बाद नए क्षेत्रफल और आकार में बढ़े मकानो का नए सिरे से करो का निर्धारण किया जाएगा।

35 लाख की डिमांड 50 लाख तक पहुंचेगी

नगरपालिका में संपत्तिकर दाताओ से पालिका को इस साल लगभग 35 लाख 39 हजार रू मिलने है। हालंकि संपत्तिकर का भुगतान हर मकान और दुकान का संचालक नियमित रूप से नहीं करता है। इसके अलावा संपत्तिकर के दायरे में नहीं आने वाले लगभग दो हजार से अधिक मकान वाले पालिका को लगभग 30 लाख रू समेकित कर का भुगतान करते है। सर्वे के बाद संपत्तिकर की मांग बढ़कर 50 लाख रू के करीब पहुँचने की संभावना है। नए सिरे से सर्वेक्षण का लाभ पालिका को सीधे मिलेगा। तो दूसरी ओर नए निर्माण के बाद भी सालो से कम राजस्व दे रहे लोगो को अब वास्तविक लागत के रूप में संपत्तिकर देना होगा।

शहर में पालिका द्वारा संपत्तिकर का नए सिरे से सर्वेक्षण के लिए परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। सात साल में नए बने, बढ़ें मकानो दुकानो का सर्वे नए सिरे से किया जाएगा। इससे पालिका के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। – गिरजा चंद्राकर, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद खैरागढ़