नरवा में निर्मित जल संरक्षण सिंचाई से मिल रहा बढ़ावा
November 16, 2022कोण्डागांव ,16 नवंबर । राज्य शासन की महत्वकांक्षी नरवा विकास योजना जहां जल संरक्षण और भू-जल स्तर वृद्धि में सार्थक साबित हो रही है। वहीं नरवा में निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं से सिंचाई को बढ़ावा मिल रहा है। जिले के दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा बोटी कनेरा उप परिक्षेत्र में चियोर बहार नरवा विकास कार्य इस दिशा में सकारात्मक पहल है, जिसने उक्त क्षेत्र के किसानों की खुशहाली और समृद्धि का द्वार खोल दिया है।
दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल द्वारा कैम्पा मद के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में वनाच्छादित क्षेत्र से निकलने वाले चियोर बहार नाला को चयनित कर नरवा उपचार का कार्य किया गया है। काकड़गांव के ग्रामीणों के सक्रिय सहभागिता से वन प्रबन्धन समिति के द्वारा चियोर बहार नाला के पुनर्जीवन के लिए कराये गये योजनाबद्ध कार्यों से किसानों ने सिंचाई का लाभ लेकर अपनी तकदीर बदल दी है। डीएफओ आरके जांगड़े ने उक्त नरवा विकास के बारे में बताया कि चियोर बहार नाला-2 में 2 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से कुल 40919 जलसंरक्षण एवं जल संवर्धन संरचनाओं का निर्माण कराया गया है।
जिसके तहत् चियोर बहार नाला के 7 किलोमीटर परिधि क्षेत्र में 1100 हेक्टयर जल संग्रहण क्षेत्रफल को मद्देनजर रखते हुए 298 लूज बोल्डर चेकडेम, 143 ब्रशवुड चेकडेम, 11 गेैबियन संरचना, 35680 कन्टूर ट्रैंच के साथ ही 9 डाइक, तालाब गहरीकरण, परकोलेशन टैंक इत्यादि निर्मित किए गये हैं। जिससे नाले में निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं में उपलब्ध पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है। इसी कड़ी में चियोर बहार नाला-2 में कक्ष क्रमांक आरएफ 574 पर 15 मीटर लम्बी एवं 60 मीटर ऊंची निर्मित कांक्रीट डाईक में लगभग 1800 क्यूबिक मीटर जल संग्रहित है।
उक्त जल संरक्षण संरचना के समीप 2 हेक्टेयर कृषि भूमि पर किसान सोमीराम खरीफ में उड़द की खेती सहित रबी में मक्का एवं साग-सब्जी की पैदावार ले रहे हैं। सोमीराम सिंचाई का साधन सुलभ होने से प्रफुल्लित होकर बताते हैं कि पहले उक्त भूमि पर बारिश के समय केवल मक्का की खेती करते थे। लेकिन अब 3 हार्सपॉवर के विद्युत पंप द्वारा सिंचाई कर 2 हेक्टेयर रकबा में रबी फसल के तहत मक्का सहित भिन्डी, बैंगन, कद्दू, ग्वारफल्ली ईत्यादि साग-सब्जी की खेती से आय संवृद्धि कर क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये हैं।
अब इस गांव के कृषक महेश और फगनू भी क्रमशः एक एकड़ तथा आधा एकड़ कृषि भूमि में मक्का एवं साग-सब्जी की खेती कर रहे हैं। इसके साथ ही गांव के करीब 10 किसानों द्वारा रबी में मक्का एवं सब्जी की खेती की जा रही है। वहीं ग्रामीणों की सहभागिता से वन प्रबन्धन समिति जल संरक्षण संरचनाओं में विगत वर्ष से मछलीपालन कर समिति की आय में ईजाफा कर रही है। वन प्रबन्धन समिति काकड़गांव के अध्यक्ष विजय नाग ने बताया कि चियोर बहार नरवा विकास कार्यों से इस क्षेत्र के किसानों एवं ग्रामीणों में खुशहाली ला दी है। वहीं अब इस क्षेत्र में हरियाली की बयार बह रही है।