शासको के लिए आज भी आदर्श हैं विक्रमादित्य: उपराष्ट्रपति

शासको के लिए आज भी आदर्श हैं विक्रमादित्य: उपराष्ट्रपति

April 13, 2025 Off By NN Express

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि महाराजा विक्रमादित्य ने अपने शासन काल में कला संस्कृति, साहित्य और विज्ञान के विकास को संरक्षण और संवर्धन के साथ जो मूल्य स्थापित किए, कालान्तर में वे ही भारत की सांस्कृतिक आदर्श एवं पहचान बने।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ शनिवार शाम यहां लाल किला परिसर स्थित माधौदास पार्क में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति एवं अन्य अतिथियों ने इस तीन दिवसीय सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन आयोजन का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन 14 अप्रैल तक लगातार जारी रहेगा।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़़ ने कहा कि हमारी संस्कृति एक मिसाल है कि भारतीय जीवन मूल्यों के साथ जीवन कितना सहज और सरल हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान है और राष्ट्रवाद हमारा परम धर्म है। सम्राट विक्रमादित्य ने अपने शासनकाल में राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हमारा देश बदल रहा है।

भारत में भूतल की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक हर तरफ विकास ही विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरदर्शिता से भारत की पुरानी प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित और जीवंत हो रही है। उन्होंने कहा कि भाषा हमारी सांस्कृतिक चेतना की धुरी है। हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए। हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारत की सांस्कृतिक चेतना के प्रसार और भारतीय ज्ञान परम्पराओं पर आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।