जीएसटी चोरी करना पड़ेगा भारी, 1 अप्रैल से बदल रहा है नियम

जीएसटी चोरी करना पड़ेगा भारी, 1 अप्रैल से बदल रहा है नियम

March 21, 2025 Off By NN Express

नई दिल्ली,21 मार्च 2025: भारत सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के नियमों में काफी बदलाव किया है. इसके तहत 1 अप्रैल 2025 से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम लागू होने जा रहा है. इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू का सही डिस्ट्रीब्यूशन सुनिश्चित करना है. इसकी मदद से राज्य सरकारें एक ही जगह पर दी जा रही शेयर्ड सर्विसेज पर उचित मात्रा में टैक्स वसूल करेंगी.

ISD मैकेनिज्म को लागू करने के लिए 2024 के फाइनेंस एक्ट के तहत सेंट्रल जीएसटी एक्ट में संशोधन किया गया है. यह मैकेनिज्म उन व्यवसायों को सुविधा देता है जो कई राज्यों में संचालित होते हैं. इसके तहत व्यवसाय अपनी एक हेडक्वार्टर में कॉमन इनपुट सर्विस के इनवॉइस को सेंट्रलाइज कर सकते हैं. इससे उन शाखाओं के बीच इनपुट टैक्स क्रेडिट का समान वितरण संभव होता है जो शेयर्ड सर्विसेज का इस्तेमाल करती हैं.

इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रॉफिट
इनपुट टैक्स क्रेडिट यह वो टैक्स होता जो व्यवसाय अपनी खरीद पर चुकाते हैं. इसे आउटपुट टैक्स से घटाया जा सकता है, जिससे व्यवसाय की कुल जीएसटी देनदारी कम हो जाती है. नए नियमो के तहत ISD सिस्टम का इस्तेमाल होना अनिवार्य होगा जिससे ITC सही वितरण हो सके.

नए नियम क्या है
पहले बिजनेस करने वालों के पास कॉमन ITC को अपने अन्य GST रजिस्ट्रेशन में आवंटित करने के लिए दो ऑप्शन थे. इसमें दो ऑप्शन यह थे कि ISD मैकेनिज्म या क्रॉस-चार्ज मेथड, लेकिन अब 1 अप्रैल 2025 से ISD का इस्तेमाल न करने पर रेसिपिएंट लोकेशन के लिए ITC नहीं दी जाएगी. अगर ITC का गलत वितरण होता है तो टैक्स अथॉरिटी ब्याज सहित राशि वसूल करती है. इसके साथ ही अनियमित वितरण के लिए जुर्माना भी लगेगा, जो ITC की राशि या 10 हजार रुपए से भी अधिक होगा.

जीएसटी सिस्टम
माना जा रहा है कि यह बदलाव जीएसटी सिस्टम को और अधिक व्यवस्थित करने की दिशी में एक और बड़ा कदम है. ISD सिस्टम से न केवल राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू वितरण होगा, बल्कि व्यवसायों को भी अपनी टैक्स देनदारियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी. यह कदम टैक्स की चोरी रोकने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए काफी अच्छी साबित होगी.