
माटी अधिकार मंच ने एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में लगभग 6 घंटे किया धरना प्रदर्शन
March 13, 2025(कोरबा) माटी अधिकार मंच ने एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में लगभग 6 घंटे किया धरना प्रदर्शन
कोरबा : माटी अधिकार मंच ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में गेट जाम धरना प्रदर्शन किया। जिसमें लगभग 250 से अधिक भू-विस्थापित महिला पुरुष शामिल हुए। इस दौरान कुसमुंडा, कोरबा, गेवरा, दीपका क्षेत्र के भू-विस्थापित उपस्थित रहे। प्रदर्शन के दौरान भु-विस्थापितो ने जमकर अपनी भड़ास निकली। माटी अधिकार मंच ने महाप्रबंधक मैनपॉवर एवं भू राजस्व के समक्ष वार्ता के लिए मना किया। अब सक्षम अधिकारी डायरेक्टर के साथ 13 मार्च को वार्ता होंगी।
जानकारी के अनुसार उक्त धरना प्रदर्शन के दौरान एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारियों ने कई बार वार्ता करने प्रस्ताव रखा, परंतु जवाबदार अधिकारी से बात करने की शर्त पर संगठन के अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास अड़े रहे। संगठन ने महाप्रबंधक श्रम शक्ति एवं महाप्रबंधक भू-राजस्व के साथ वार्ता के लिए मना कर दिया। डायरेक्टर योजना परियोजना के मुख्यालय से बाहर नागपुर में एक बैठक में सम्मिलित होने के कारण 13 मार्च को बैठक किया जाना तय किया गया, जिसमें डायरेक्टर, मैनपॉवर लीगल, औद्योगिक संबंध के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। संगठन ने अधिकारियों को कहा हैं की अगर बैठक की तिथि में परिवर्तन किया जाता हैं या कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाते हैं, तब बगैर सूचना के 17 मार्च को मुख्यालय में पुनः अनिश्चित कालीन गेट जाम धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उक्त धरना प्रदर्शन के दौरान तेज धूप होने पर भी महिलाएं, बच्चे एवं बुजुर्ग डटे रहे। लगातार नारेबाजी एवं भाषण चलता रहा। इस दौरान बुड़बुड़ क्षेत्र के एक खातेदार के द्वारा अपनी पीड़ा को बताया गया की ऊंचाई पांच फीट से कम होने का आधार बनाकर मुझे मेडिकल अनफिट कर दिया गया है। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के द्वारा भी 2015-16 में ग्राम बरकुटा के खातेदार को 5 फीट से कम ऊंचाई होने के कारण मेडिकल अनफिट कर रोजगार के लिए अपात्र कर दिया था, परंतु परिवार सहित कोयला उत्पादन को बंद कर देने के बाद आनन-फानन मे रोजगार प्रदान किया गया। प्रबंधन के अधिकारी केवल उत्पादन रोकने की स्थिति में ही किसी निर्णय पर सकारात्मक स्वीकृति प्रदान करते हैं ।
आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की धरना प्रदर्शन के दौरान एसईसीएल के अधिकारियों का व्यवहार को देखकर भू-विस्थापितों में काफी आक्रोश व्याप्त था। वहां उपस्थित लोगों ने आम राय बनाकर कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र का उत्पादन बाधित करने का मन बना लिया है। सकारात्मक निर्णय नहीं आने पर शीघ्र ही उत्पादन बाधित किया जाएगा। अधिकारियों के रवैए को देखकर उत्पादन बंद हड़ताल करने की रणनीति तय की गई। पुराने अर्जन में रोजगार की समस्या, जिसमें अर्जन के बाद जन्म, शासकीय प्रदत्त भूमि स्वामी हक की भूमि, विसंगति पूर्ण खाता का संयोजन एवं अविवादित सही प्रकरण का निपटारा नहीं किया जाता है। छोटे खातेदारों को रोजगार के लिए नियमों में बदलाव नहीं किया जाता है। मुआवजा राशि में बढ़ोतरी के लिए विकल्प तैयार नहीं जाते हैं, उन्होंने कहा की शासकीय एवं अन्य व्यक्ति की भूमि में निर्मित प्रधानमंत्री मंत्री आवास में सोलिशियम राशि एवं पुनर्वास प्रदान नहीं करने की स्थिति में आंदोलन उग्र रूप से किया जाएगा।
उक्त कार्यक्रम के दौरान भू-विस्थापितों की समस्याओं को सुनकर आसपास के लोग हैरान हो गए। पुलिस प्रशासन भी समस्याओं को सुनकर अचंभित हो गए। कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा भरपूर सहयोग प्रदान किया गया। जिसका माटी अधिकार मंच ने आभार जताया।