महासमुंद में आदिवासी विकास के नए आयाम, समृद्धि की ओर सशक्त कदम

महासमुंद में आदिवासी विकास के नए आयाम, समृद्धि की ओर सशक्त कदम

December 16, 2024 Off By NN Express

महासमुंद । महासमुंद जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग ने आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विकसित छत्तीसगढ़ की ओर बढता विष्णु सुशासन के एक वर्ष कार्यकाल के दौरान विभाग ने शिक्षा, आर्थिक सहायता, आवासीय सुविधाओं और अधिकारों के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जो जिले की समृद्धि और प्रगति की दिशा में मजबूत कदम हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान
जिले में 115 छात्रावास और आश्रम संचालित किए जा रहे हैं, जहां 5433 छात्र-छात्राएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। ग्राम भोरिंग में स्थापित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत 417 अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, सत्र 2023-24 में 7437 विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 418.14 लाख रुपए वितरित किए गए।

सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण
अंतर्जातीय विवाह योजना के तहत 36 दंपतियों को 2.50 लाख रुपए प्रति प्रकरण के हिसाब से कुल 90 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। जिले के 936 पी.व्ही.टी.जी. परिवारों को पहचान और कल्याण योजनाओं से जोड़ते हुए 3032 आधार कार्ड, 2102 बैंक खाते, 1887 आयुष्मान कार्ड, और 3183 राशन कार्ड जारी किए गए। पी.व्ही.टी.जी. आवास योजना के तहत 7 आवासों के निर्माण के लिए 17.50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।

वनाधिकार और सांस्कृतिक संरक्षण
वनाधिकार अधिनियम के तहत 50 व्यक्तिगत और 5 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए गए। इसके अलावा, देवगुड़ी निर्माण योजना के अंतर्गत 40 देवगुड़ियों के निर्माण के लिए 60 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई। इसी के साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण योजना के तहत 30 मामलों के लिए 41.25 लाख की सहायता राशि दी गई। महासमुंद जिले में आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के सशक्तिकरण के ये प्रयास न केवल उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं, बल्कि जिले की समृद्धि और विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।