तकनीकी वस्त्र भारत की आर्थिक रीढ़ बनेंगे: गिरिराज सिंह
November 17, 2024केंद्रीय मंत्री ने भारत मंडपम में भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में वस्त्र मंडप का उद्घाटन किया
नई दिल्ली। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में विशेष हथकरघा और हस्तशिल्प प्रदर्शनी सह बिक्री के अंतर्गत वस्त्र मंडप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वस्त्र राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा भी मौजूद थे। श्री गिरिराज सिंह और श्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने मंडप में विभिन्न स्टालों का दौरा किया और हथकरघा बुनकरों तथा कारीगरों से बातचीत की। 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने वस्त्र उद्योग में कार्बन फाइबर के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत तकनीकी वस्त्रों के प्रवर्धन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने बताया कि तकनीकी वस्त्रों में 12 प्रकार या सेक्टर हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये दिए हैं और हमारा देश तकनीकी वस्त्रों के निर्यात पर पहले से अधिक ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी वस्त्र भारत की अर्थव्यवस्था का रीढ़ बनेंगे। उन्होंने बताया कि भारत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है, इसलिए इस कार्यक्रम का विषय ‘जनजातीय’ समुदाय से प्रेरित है।
गिरिराज सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार बुनकरों और उनके परिवारों को बेहतर आय के अवसरों के लिए वस्त्र मूल्य श्रृंखला में सुधार करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा हथकरघा समुदाय रहता है जो निरंतरता और ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करता है। दुनिया टिकाऊ उत्पादों के उपयोग की ओर बढ़ रही है और हथकरघा उद्योग शून्य-कार्बन उत्सर्जन करता है तथा इसमें किसी भी प्रकार की ऊर्जा की खपत नहीं होती है।
वस्त्र राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने हथकरघा और हस्तशिल्प प्रदर्शनी का दौरा करते हुए कारीगरों को जोड़े रखने के लिए उत्पादन को बढ़ावा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प को मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने आधुनिक बाजार की जरूरतों के अनुकूल ढलते हुए भारत की समृद्ध शिल्प विरासत को संरक्षित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उद्घाटन समारोह में वस्त्र सचिव रचना शाह, हथकरघा विकास आयुक्त अमृत राज और वस्त्र मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।