भ्रष्टाचार वह दीमक है जो समाज को अंदर से खोखला बना रहा है, जिससे गरीब और गरीब हो रहे हैं, जबकि अमीरों की संपत्ति बढ़ रही है- डॉक्टर संजय गुप्ता
October 29, 2024भ्रष्टाचार वह दीमक है जो समाज को अंदर से खोखला बना रहा है, जिससे गरीब और गरीब हो रहे हैं, जबकि अमीरों की संपत्ति बढ़ रही है- डॉक्टर संजय गुप्ता
कोरबा 29 अक्टूबर । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विजिलेंस अवेयरनेस वीक के अंतर्गत’ से नो टू करप्शन कमिट टू द नेशन’ विषय पर विद्यार्थियों ने दीपका क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक माध्यम से करप्शन के दुष्प्रभाव को परिलक्षित किया।नाटिका में भ्रष्टाचार से होने वाले नुकसान एवं भ्रष्टाचार को दूर करने के उपायों पर विद्यार्थियों ने प्रेरक प्रस्तुति दी। नुक्कड़ नाटक का क्षेत्र वासियों ने भरपूर आनंद लिया एवं स्वयं से प्रतिज्ञा की कि वह सदा भ्रष्टाचार ना करेंगे ना करने देंगे। नुक्कड़ नाटक का क्षेत्रवासियों ने भूरी- भूरी प्रशंशा की।
प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार गरीबों और कमजोर लोगों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। भ्रष्टाचार करने वाला व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए देश की संपत्ति का शोषण करता है। बेईमानी या धोखाधड़ी वाला व्यवहार भ्रष्टाचार के रूप में सामने आता है। भ्रष्टाचार के कई रूप हैं, जिनमें रिश्वतखोरी, गबन, भाई-भतीजावाद, सत्ता का दुरुपयोग और धोखाधड़ी शामिल है।हमारे देश भारत के विकास यात्रा की राह में भ्रष्टाचार एक बड़ा अवरोध है। भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना किसी के बस की बात नहीं है।भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हमें किसी को रिश्वत नहीं देनी चाहिए। अगर कोई हमसे रिश्वत मांगता है तो हमें इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए, सशक्त संस्थाएं, सक्रिय नागरिकता, सख्त कानूनों का पालन, और संवेदनशील और ईमानदार नेतृत्व की आवश्यकता होती है। साथ ही, शिक्षा के माध्यम से जनसंचार और संज्ञान को बढ़ावा देना भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानून को लागू करना और सूचना साझा प्रणाली को मजबूत करना । भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संपत्ति की पुनर्प्राप्ति व्यवस्था को मजबूत करना । भ्रष्टाचार की रोकथाम और इसका मुकाबला करने के लिए जवाबदेह सार्वजनिक संस्थाओं और प्राधिकरणों की सत्यनिष्ठा और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना आवश्यक है।समाज में विभिन्न स्तरों पर फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर दंड-व्यवस्था की जानी चाहिए। आज भ्रष्टाचार की स्थिति यह है कि व्यक्ति रिश्वत के मामले में पकड़ा जाता है और रिश्वत देकर ही छूट जाता है। जब तक इस अपराध के लिए को कड़ा दंड नही दिया जाएगा तब तक यह बीमारी दीमक की तरह पूरे देश को खा जाएगी।