बघेल सरकार के कार्यकाल में गन्ना प्रोत्साहन राशि लगातार घटाई गई : संदीप शर्मा

बघेल सरकार के कार्यकाल में गन्ना प्रोत्साहन राशि लगातार घटाई गई : संदीप शर्मा

October 23, 2024 Off By NN Express

भूपेश के ‘X’ पोस्ट पर भाजपा ने उठाए सवाल

रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ किसान नेता और प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ‘X’ पोस्ट पर तीखा हमला करते हुए गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है। शर्मा ने कहा कि बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान गन्ना प्रोत्साहन राशि लगातार घटाई गई, जबकि आज वह किसानों के नाम पर झूठे आँसू बहा रहे हैं।

गन्ना प्रोत्साहन राशि में कटौती पर सवाल
संदीप शर्मा ने बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेश सरकार ने 2020-21 में गन्ना प्रोत्साहन राशि को 93.75 रुपये से घटाकर 84.25 रुपये कर दिया, फिर 2021-22 में इसे 79.50 रुपये और 2022-23 में 72.88 रुपये तक घटा दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अपने कार्यकाल में किसानों की गन्ना प्रोत्साहन राशि में कटौती करके उन्हें नुकसान पहुँचाने वाले बघेल अब किस आधार पर किसानों की चिंता कर रहे हैं?

शक्कर वितरण बंद करने पर भी उठाए सवाल
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि बघेल सरकार ने गन्ना किसानों को 50 किलो मुफ्त शक्कर देने की योजना को भी बंद कर दिया था, जिसे भाजपा सरकार ने वापस शुरू किया है। उन्होंने भूपेश बघेल पर किसानों के हितों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब किसानों को गुमराह करने के उनके प्रयास विफल हो रहे हैं, क्योंकि प्रदेश के किसान अब जागरूक हो चुके हैं।

धान की कीमतों पर भी हमला
संदीप शर्मा ने धान की कीमतों को लेकर भी कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने 2019-20 में धान की कीमत 2435 रुपये और 2020-21 में 2468 रुपये प्रति क्विंटल दी, जबकि कांग्रेस ने वादा किया था कि किसानों को 2500 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। अब कांग्रेस 3217 रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रही है, जबकि उनके शासनकाल में किसानों से वादाखिलाफी की गई थी।

कांग्रेस पर किसानों से विश्वासघात का आरोप
शर्मा ने भूपेश बघेल और कांग्रेस पर किसानों से विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के इन कृत्यों का जवाब प्रदेश की जनता ने हाल ही में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में दे दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को किसानों के मुद्दों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है, और जितनी जल्दी वे यह समझ लें, उतना ही उनकी राजनीतिक सेहत के लिए बेहतर होगा।