कोरबा: बाल विवाह मुक्त छतीसगढ व बाल हितैषी राज्य बनाने हेतु महिला बाल विकास विभाग की टीम कर रही जागरूक
October 19, 2024(कोरबा) बाल विवाह मुक्त छतीसगढ व बाल हितैषी राज्य बनाने हेतु महिला बाल विकास विभाग की टीम कर रही जागरूक
कोरबा (ईएमएस) बाल विवाह मुक्त छतीसगढ व बाल हितैषी राज्य बनाने हेतु राज्य से प्राप्त निर्देशों के पालन में कलेक्टर सह अध्यक्ष बालक कल्याण एवं संरक्षण समिति कोरबा के निर्देशानुसार श्रीमती रेणु प्रकाश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा के मार्गदर्शन में 18 अक्टूबर को शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सिंचाई कॉलोनी दर्री के छात्र-छात्राओं को “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान तथा चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 में बच्चो के शोषण, अधिकारों के हनन के संबंध किशोर न्याय अधिनियम, पाक्सो एक्ट, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, बाल अपराधों की जानकारी प्रदान की गई।
बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा के साथ ही साथ कानूनन अपराध है। 18 वर्ष के पूर्व लडकी तथा 21 वर्ष के पूर्व लडके का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता हैं बडे पैमाने पर कतिपय क्षेत्रों में बाल विवाह की घटनाऐं देखने में आती है। बाल विवाह जैसी घटनाओं की समय पर रोकथाम हेतु शासन द्वारा समय समय पर निर्देश जारी किय गये है। उपरोक्त निर्देशों के पालन में कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी गणमान्य नागरिकों, समाज प्रमुखों, धार्मिक व वैवाहिक अनुष्ठान को संपन्न कराने वाले धार्मिक सेवा प्रदाता टेंट हाउस, डीजे बैंडबाजा, प्रिंटिंग पे्रस संचालकों तथा आमजनों से अपील भी की गई है, कि बिना आयु प्रमाण पत्र के वैवाहिक कार्यक्रम में सेवाएं प्रदान न करें। बाल विवाह पर प्रभावी रोकथाम के लिए सभी अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे जिले में बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त किया जा सके और जिलें में बच्चो के देखरख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। उपरोक्त अपील साथ ही जिले में बाल विवाह जैसी घटनाऐं घटित न हो इस हेतु जिला स्तर तथा विकासखण्ड व परियोजना स्तर पर टीम निरंतर सतर्क रहती है।
जिले में बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुये राज्य को बाल विवाह मुक्त छतीसगढ बनाने तथा बाल सुलभ राज्य बनाने हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 यूनिट, एकीकृत बाल विकास परियोजना की संयुक्त टीम द्वारा कोरबा जिले में संचालित शैक्षणिक संस्था, शासकीय, अशासकीय विद्यालयों में बच्चों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं सरक्षण) अधिनियम, लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम तथा बच्चों के देखरेख एंव संरक्षण संबंधित विभिन्न विषयों पर निरंतर जानकारी प्रदान की जा रही है।
जन जागरूकता की इसी कडी में जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला बाल विकास विभाग द्वारा शासकीय माध्यमिक विद्यालय, दर्री में अध्ययनरत् बच्चों को आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।आयोजित उपरोक्त जनजागरूकता कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला बाल संरक्षण अधिकारी दया दास महंत, आउटरीच वर्कर सूरज देवांगन, चाईल्ड लाइन टीम से गणेश जायसवाल, गोपाल यादव व विद्यालय के अध्यापक उपस्थित रहे।