कोरबा:  एसईसीएल के सफाई कर्मी पर 11 लाख ठगने लगा आरोप

कोरबा: एसईसीएल के सफाई कर्मी पर 11 लाख ठगने लगा आरोप

October 15, 2024 Off By NN Express
  • न्यायालय के आदेश पर 120-B, 420-IPC की लिखी गयी एफआईआर
  • अपने पूर्व अधिकारी की पुत्रियों व उसकी सहेली को नौकरी के नाम पर ठगने का आरोप
    कोरबा : कोरबा जिले में रिटायर्ड एसईसीएल अधिकारी की बेटियों को मंत्रालय व रेलवे में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर अधीनस्थ कार्यरत सफाई कर्मी पर 11 लाख रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम देने का आरोप लगा हैं।
    प्रार्थी ने आरोप लगाते हुए बताया की उसके साथ ठगी की गयी हैं। प्रार्थी ने न्यायालय में आवेदन-पत्र अंतर्गत धारा 156 (3) द.प्र.सं. वास्ते अभियुक्त के विरुद्ध भा.द.वि. की धारा 420, 120 (बी) के तहत प्रथम सूचना पंजीबद्ध किये जाने हेतु संबंधित थाना को आदेशित किये जाने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवादी एसईसीएल मुख्यालय कोरबा के सिविल विभाग में इंजीनियरिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था व 31.11.2017 को सेवानिवृत्त हुआ। बताया जा रहा हैं की परिवादी के उपरोक्त पद पर पदस्थ रहने के दौरान वादी एसईसीएल मुख्यालय कोरबा के सिविल विभाग में सफाई कर्मी के पद पर अधीनस्थ कार्यरत था। उसके द्वारा बता गया की रायपुर स्थित मंत्रालय के उच्चाधिकारियों, कथित नेताओं व मंत्रियों से संपर्क होने से अबतक अनेक लोगों की शासकीय नौकरी लगा चुका हैं। उसने प्रार्थी दो पुत्रियों को शासकीय नौकरी हेतु प्रयास करते देखा था। इस चिंता से वाकिफ आरोपी ने दोनों पुत्रियों की शासकीय नौकरी आवश्यक रूप से लगाने का आश्वासन दिया। इसके लिए खर्च लगने की बात कहकर एडवांस राशि जल्द दिये जाने परिजनों पर दबाव डाला गया। कुल 4 लाख रूपए आरोपी सफाई कर्मी के खाते में जमा/ट्रांसफर करने की बात पर कहा कि वह भी शासकीय नौकरी करता है, उक्त राशि उसके खाते में जमा किये जाने से उसकी जाँच आदि की संभावना रहेगी तथा उसके नौकरी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए परिवादी के परिजन एडवांस राशि उसके मित्र के खाते में जमा करने कहा गया। इस तरह बैंक में जमा/ट्रांसफर व नगद के जरिए अलग-अलग तारीख में कुल 11 लाख पाँच हजार रूपए छलपूर्वक लिया गया। इसके बाद नौकरी आज-कल में लगवाते वर्ष 2019 व्यतीत हो गया। उपरोक्त रकम वापस करने में भी टाल-मटोल किया जाने लगा।
    विवश होकर परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से 19.03.2021 को विधिक सूचना पत्र प्रेषित कर उपरोक्त राशि की मांग की गई, जिसका आरोपी सफाईकर्मी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से 22.03.2021 को जवाब प्रेषित करते हुए परिवादी पर ही झूठा आरोप लगा उक्त राशि देने से इंकार कर दिया। फिर परिवादी के द्वारा दिनांक 03.05.2021 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा 09.06.2021 को चौकी मानिकपुर में लिखित शिकायत की गयी, जिसमें धारा 155 द.प्र.सं. पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की पावती परिवादी को प्रदान कर न्यायालय की शरण में जाने की सलाह दी गई। परिवादी के द्वारा यह परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ा।