कभी भी हमला कर सकते हैं पड़ोसी मुल्क, तैयार रहे सेना : राजनाथ सिंह

कभी भी हमला कर सकते हैं पड़ोसी मुल्क, तैयार रहे सेना : राजनाथ सिंह

October 12, 2024 Off By NN Express

दार्जिलिंग । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए पड़ोसी देशों की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई की संभावना को नकारा नहीं जा सकता और सेना को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे पूरी तरह से तैयार रहे। राजनाथ सिंह ने विजयादशमी के अवसर पर दार्जिलिंग के सुकना कैंटोनमेंट में ‘शस्त्र पूजा’ करने और सेना के जवानों के साथ त्योहार मनाने के बाद यह बात कही।

हमेशा तैयार रहे सेनाः राजनाथ
रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब से उन्होंने रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है, तब से उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक परिदृश्य चाहे जो भी हो, उन्हें तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, हमें हमेशा किसी भी स्थिति और हर विकल्प के लिए सक्रिय रूप से तैयार रहना होगा। यह समय की मांग है और हमें सतर्क रहना होगा। किसी भी वस्तु की पूजा करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जरूरत पड़ने पर उसका पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जाएगा। यह समारोह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सतर्कता और जिम्मेदारी का प्रतीक है।

हम बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे
राजनाथ ने आगे कहा कि हमने कभी भी किसी देश के खिलाफ नफरत या अवमानना ​​से प्रेरित होकर युद्ध नहीं किया है। ये भारतीयों के मूल्य हैं, जो हमें विरासत में मिले हैं। लेकिन अगर हमारे हितों को कोई खतरा हुआ, तो मैं यहां यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे और यह मेरा देश को आश्वासन है।

शुक्रवार को सिंह ने दार्जिलिंग के सुकना कैंट से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 2024 के आर्मी कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पहले, सम्मेलन में भाग लेने के लिए उनका गंगटोक पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के कारण उनका विमान सिलीगुड़ी लौट आया, जहां उन्होंने सुकना कैंट से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन के दौरान सीमा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की गई।

LAC की स्थिति का लिया जायजा
बैठक में एलएसी पर संवेदनशील स्थिति का जायजा लिया गया, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में, जहां भारत और चीन के बीच नियमित रूप से गतिरोध और टकराव होता रहा है। सम्मेलन दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहला चरण 10 से 11 अक्टूबर  को गंगटोक में आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा चरण 28 और 29 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।